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Gujarat: जिग्नेश मेवानी ने सरकार पर साधा निशाना, कहा-गुजरात सरकार निकम्मी है’, 1 जून को बंद की दी चेतावनी

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दलित नेता और विधायक जिग्नेश मेवानी (MLAJignesh Mevani) असम पुलिस (Asam Police) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के लगभग दो हफ्ते बाद मंगलवार को गुजरात पहुंचे, जहां उन्होंने राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए उसे निकम्मा बताया है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ने उस वक्त कुछ नहीं किया, जब राज्य के एक विधायक का अपहरण कर लिया गया और यहां से ले जाया गया था. अहमदाबाद (Ahemadabad) पहुंचने के बाद मेवानी ने एक सभा को संबोधित करने के दौरान गुजरात सरकार को चेतावनी दी है.

मेवानी ने उना तहसील में दलितों के खिलाफ दर्ज मामले (जुलाई 2016 में कुछ दलितों पर हमले के बाद विरोध प्रदर्शन को लेकर दर्ज), राज्य के अन्य आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस नहीं लेने और पुलिसकर्मियों के लिए ग्रेड-पे और अन्य विरोध प्रदर्शन करने वाले समूहों की मांग सरकार द्वारा पूरी नहीं किये जाने पर एक जून को ‘गुजरात बंद’ का आह्वान करने की चेतावनी दी है.

‘गुजरात सरकार को शर्म आनी चाहिए’

उन्होंने कहा, मैं गुजरात सरकार से कहना चाहता हूं कि आप इतने ‘निकम्मे’ हैं कि आप तब कुछ नहीं कर सके, जब असम पुलिस गुजरात के गौरव को रौंदने आयी थी. आपको इसके लिए शर्म आनी चाहिए. निर्दलीय विधायक मेवानी ने कहा, असम पुलिस द्वारा गुजरात के एक विधायक का अपहरण करना और उसे असम ले जाना गुजरात के 6.5 करोड़ लोगों का अपमान है. इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर और अर्जुन मोढवाडिया तथा अमित चावड़ा जैसे पार्टी के वरिष्ठ पार्टी नेता भी मौजूद थे.

BJP को वोट ना देने की दिलाई गई शपथ

उन्होंने कार्यक्रम के लिए एकत्र लोगों को शपथ दिलाई कि वे कभी भी भाजपा को वोट नहीं देंगे या आरएसएस की शाखा में शामिल नहीं होंगे. मेवानी ने पूर्वोत्तर राज्य में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में निचली अदालत की आलोचनात्मक टिप्पणी पर माफी नहीं मांगने के लिए असम सरकार पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा, अदालत द्वारा की गई टिप्पणी पर शर्म महसूस करने के बजाय, अपनी अंतरात्मा पर सवाल उठाने और अपने चरित्र की समीक्षा करने के बजाय, असम सरकार एक स्थगन आदेश के साथ आयी, ताकि उस समीक्षा आदेश को प्रकाशित न किया जा सके. लेकिन वह अभी भी माफी मांगने को तैयार नहीं है.

उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि बारपेटा अदालत ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के मामले में जमानत देने के अपने आदेश में की गई टिप्पणियों में हद पार कर दी और इसने पुलिस बल तथा असम सरकार का मनोबल गिराया है.

पीएम मोदी के खिलाफ किया था ट्वीट

मेवानी शाम को अहमदाबाद पहुंचे और उनके समर्थकों ने हवाई अड्डे पर उनका जोरदार स्वागत किया. बनासकांठा जिले के वडगाम के विधायक ने गिरफ्तारी के दौरान समर्थन के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और गुजरात और असम के अन्य कांग्रेस नेताओं को धन्यवाद दिया. दो हफ्ते पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक ट्वीट करने को लेकर असम पुलिस ने मेवानी को गुजरात के पालनपुर से उठा लिया था. कुछ दिनों पहले ट्वीट मामले में एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के मामले में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था. मेवानी को दूसरे मामले में भी एक हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई थी.

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