भारत के रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) ने जन्म पंजीकरण को लेकर अपने आंकड़े पेश किए हैं. उनके द्वारा तैयार किए गए आंकड़े के अनुसार, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात (Gujarat), हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र और राजस्थान में 2020 में लड़कियों की तुलना में लड़कों के जन्म के पंजीकरण (Birth Registration) में बहुत अधिक अंतर दर्ज किया गया है. पंजीकृत जन्म के लैंगिक वर्गीकरण से पता चलता है कि साल 2020 में जन्म के बाद पंजीकृत की गई लड़कियों की संख्या पंजीकृत किए गए लड़कों से लगभग 4 प्रतिशत कम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में जन्म पंजीकरण के मामले में यह अंतर बहुत अधिक है.
आरजीआई की रिपोर्ट ‘वर्ष 2020 के लिए नागरिक पंजीकरण प्रणाली पर आधारित महत्वपूर्ण सांख्यिकी में कहा गया है कि भारत में 2020 में कुल 2,42,22,444 बच्चों के जन्म पंजीकृत किए गए, जिनमें से 1,25,96,700 (52 फीसदी) लड़के और 1,16,24,933 (48 फीसदी) लड़कियां हैं. वहीं, आंकड़ों से पता चलता है कि 2020 में बिहार में प्रति लाख जनसंख्या में 1600.8 लड़कों के जन्म की तुलना में 1443.8 लड़कियों का जन्म पंजीकृत किया गया.
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वहीं, मध्य प्रदेश में 2020 में प्रति लाख जनसंख्या में 867.7 लड़कों के जन्म की तुलना में 785.9 लड़कियों का जन्म पंजीकृत किया गया. गुजरात में 577.8 लड़कों के जन्म की तुलना में 525.4 लड़कियों का जन्म पंजीकृत किया गया. हरियाणा में 309.7 लड़कों के जन्म की तुलना में 282.1 लड़कियों का जन्म पंजीकृत किया गया. झारखंड में 339.2 लड़कों के जन्म की तुलना में 309.2 लड़कियों का जन्म पंजीकृत किया गया और महाराष्ट्र में 895 लड़कों के जन्म की तुलना में 817 लड़कियों का जन्म पंजीकृत किया गया.
क्या है उत्तर प्रदेश और राजस्थान की स्थिति
उत्तर प्रदेश में 2524.0 लड़कों के जन्म की तुलना में 2330.1 लड़कियों का जन्म और राजस्थान में 977.3 लड़कों के जन्म की तुलना में 892.0 लड़कियों का जन्म दर्ज किया गया. दूसरी ओर, मृत्यु पंजीकरण के मामले में देश में पुरुष पंजीकरण का हिस्सा महिलाओं की तुलना में लगभग 20.4 प्रतिशत अधिक है. आरजीआई ने एक और रिपोर्ट पेश की है, जिसके तहत साल 2020 में देश में 81.2 लाख लोगों की मौत हुई और यह आंकड़ा 2019 की तुलना में 6.2 प्रतिशत अधिक है जब देश में 76.4 लाख लोगों की मौत हुई थी. वर्ष 2020 में जब देश में पहली बार कोविड-19 का कहर शुरू हुआ था तो महामारी के कारण 1.48 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.