देश कि राजधानी दिल्ली (Delhi) में कोरोना (Corona) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 1083 नए मामले दर्ज किए गए हैं. इस समय देश में संक्रमण के कुल मामलों में से 40 फीसदी से ज्यादा केवल दिल्ली से आ रहे हैं. राजधानी में एक्टिव मरीजों (Active cases Of corona) की संख्या भी चार हजार के करीब पहुंच गई है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 1 अप्रैल से कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं. 1 से 21 अप्रैल तक राजधानी में 6,877 केस आए हैं. जबकि, मार्च में केवल 5107 केस दर्ज किए गए हैं. दिल्ली में मार्च के दूसरे सप्ताह में तीसरी लहर का असर खत्म हो गया था, लेकिन महीने भर के भीतर दोबारा केस बढ़ने से चिंता बढ़ गई है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि XE वैरिएंट और ओमिक्रॉन के BA.2.12.1 वैरिएंट केस बढ़ने का एक कारण हो सकते हैं. ये वैरिएंट उन लोगों को संक्रमित कर रहे हैं, जिन्होंने अबतक वैक्सीन (Vaccine) नहीं ली है.
कोविड एक्सपर्ट डॉ. अंशुमान का कहना है कि दिल्ली में अभी भी एक आबादी ऐसी है. जिसने कोरोना की वैक्सीन नहीं ली है. कुछ लोगों ने केवल सिंगल डोज ही ली है. ये सभी लोग ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट्स से संक्रमित हो रहे हैं. यही कारण है कि अब केस बढ़ रहे हैं. इसके अलावा गर्मियों में होने वाली बीमारियां की वजह से भी कोरोना का ग्राफ बढ़ रहा है.हालांकि इसमें चिंता की कोई बात नहीं है. क्योंकि केस भले ही बढ़ रहे हैं, लेकिन हॉस्पिटलाइजेशन में कोई इजाफा नहीं हुआ है.
क्या जल्द आएगी चौथी लहर?
डॉ. अंशुमान का कहना है कि कोरोना महामारी एंडेमिक स्टेज में ही है. वायरस एक सामान्य फ्लू की तरह ही व्यवहार कर रहा है. ऐसी स्थिति में थोड़े बहुत केस बढ़ते रहते हैं, लेकिन इसको नई लहर नहीं कहा जा सकता है. कोरोना की लहर तब होती है जब अचानक तेजी से केस बढ़ने लगे और हॉस्पिटलाइजेशन में भी इजाफा हो. दिल्ली में आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन सप्ताह से कोरोना के मामले भले ही बढ़ रहे हैं. लेकिन इनमें मामूली इजाफा ही हो रहा है. एंडमिक के दौर में संक्रमण में इस प्रकार का उतार-चढ़ाव होता ही रहता है. इसलिएलोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. बस जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और कोरोना से खुद का बचाव करते रहें.
तीन फीसदी से कम मरीज ही अस्पताल में भर्ती
दिल्ली में फिलहाल कोरोना के 3975 एक्टिव मामले हैं. इनमें से केवल 107 मरीज ही अस्पतालों में भर्ती हैं. इस हिसाब से देखें तो कोरोना से हॉस्पिटलाइजेशन 3 प्रतिशत से भी कम है. दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए अभी 98 फीसदी बेड खाली है. कोविड केयर केंद्रों में भी 100 फीसदी बेड खाली हैं.