शिमला। हिमाचल प्रदेश में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम की वजह से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार पर संकट मंडराने लगा है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस सरकार से अलग हो गए। उन्होंने लोक निर्माण मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। सुक्खू सरकार से बुधवार को इस्तीफा देने के बाद तेजी से बदले हालात के बीच सीएम ने पार्टी हाईकमान को अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी। हालांकि अभी उन्हें अपने पद पर बने रहने के लिए कहा गया है।
वहीं दूसरी तरफ सुबह भाजपा विधायक दल ने राज्यपाल से मुलाकात की। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष भी राज्यपाल से मिले हैं। सूचना है कि राज्यपाल ने उन्हें बुलाया था।
सरकार से इस्तीफा देने के बाद विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया से कहा कि सरकार में उनकी कई बातों को नहीं सुना गया। वे लगातार इस मामले में कांग्रेस हाईकमान को अवगत करवाते रहे हैं। इस मौके पर वह अपने दिवंगत पिता वीरभद्र सिंह को याद करते हुए भावुक भी हो गए। विक्रमादित्य ने कहा उन्हें मंत्री पद का कोई लालच नहीं है। वह पार्टी के साथ हैं।
वहीं, डैमेज कंट्रोल के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने तीन वरिष्ठ नेताओं, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और राजीव शुक्ला आदि को हिमाचल भेजा है। इन सारी हलचल के बीच भाजपा भी सक्रिय है और मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को झटका देकर भाजपा के राज्यसभा सदस्य को वोट करने वाले छह विधायकों सहित अन्य के उसके संपर्क में होने का दावा किया जा रहा है।