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CBI ने हंसखाली रेप मामले में हाईकोर्ट में सौंपी दूसरी जांच रिपोर्ट, पीड़िता का नाम का खुलासा करने पर BJP नेताओं के खिलाफ PIL

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हंसखाली सामूहिक दुष्कर्म (Hanshkhali Rape Case ) मामले में सीबीआई ने सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में दूसरी जांच रिपोर्ट दायर की. कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) में मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ में सोमवार को इस मामले में सुनवाई शुरू हुई. सीबीआई ने दूसरी रिपोर्ट दायर की. बता दें कि हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था. दूसरी ओर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पर भी आरोप लगाते हुए एक केस दर्ज कराया गया है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने प्रेस मीट में रेप पीड़िता के नाम का जिक्र किया था. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी की फैक्ट्स फाइंडिंग कमेटी (BJP Facts Finding Committee) के एक सदस्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की अर्जी दी गई है. उसने नाबालिग की पहचान का खुलासा किया था. याचिका में इसे कानून के विपरीत करार दिया गया है. अनिंद्य सुंदर दास ने मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है. इस मामले में अगली सुनवाई 17 मई को होगी.

बता दें कि नाबालिग की रेप और हत्या के मामले में सीबीआई मूल आरोपी सोहेल गोयाली के पिता और टीएमसी नेता समरेंदु गोयाली और उसका करीबी पीयूष भक्त को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया गया था और फिर उसकी मृत्यु होने पर उसके पार्थिव शरीर को जला दिया गया था. पुलिस ने पहले इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी. बाद में हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था.

बीजेपी सांसद पर पीड़िता का नाम उजागर करने का लगा आरोप

बीजेपी के एक सांसद ने नाबालिग से रेप का नाम का उजागर किया था. भाजपा नेता और सांसद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई. वहीं, अदालत पर भाजपा के खिलाफ हंसखाली मामले की जांच को प्रभावित करने का आरोप लगा है. यह मामला सोमवार को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ में दायर किया गया. बीजेपी ने इस मामले की जांच के लिए फैक्ट्स फाइंडिंग कमेटी का गठन किया था. उस पार्टी में बीजेपी की अखिल भारतीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा थीं. रेखा वर्मा उत्तर प्रदेश से लोकसभा सांसद भी हैं. 15 अप्रैल को हंसखाली के मृतक के परिवार से मिलने के बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में सार्वजनिक रूप से लड़की के नाम का जिक्र किया. उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.

पीड़िता का नाम सार्वजनिक रूप से उजागर करना है गैर कानूनी

वरिष्ठ वकील का कहना है कि भारतीय कानून के तहत, बलात्कार या यातना का कभी भी सार्वजनिक रूप से उल्लेख नहीं किया जाता है. उसके ऊपर लड़की नाबालिग है. उस समय बाल सुरक्षा आयोग के प्रमुख और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना का विरोध किया था. राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने भी घटना की निंदा की थी. यहां तक ​​कि खुद बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने भी कहा कि वे इस बात से पूरी तरह वाकिफ हैं कि कानूनी तौर पर रेप का नाम नहीं लिया जा सकता.

बीजेपी पर लगा मामले को प्रभावित करने का आरोप

सोमवार को वकील और जनहित याचिकाकर्ता अनिंद्य सुंदर दास ने घटना के अलावा एक और मामला दर्ज कराया. उन्होंने हाई कोर्ट को बताया कि इस मामले में ही नहीं, बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी पर एक और आरोप लगा है. रेखा के अलावा हंसखाली के लिए बनाई गई पार्टी में तमिलनाडु भाजपा विधायक वनथी श्रीनिवासन, तमिल अभिनेत्री खुशबू सुंदर और इंगलिश बाजार से भाजपा विधायक श्रीरूपा मित्रा चौधरी शामिल हैं. उन्होंने घटना की जांच के बाद रिपोर्ट दी थी. जनहित याचिकाकर्ता के मुताबिक, जहां सीबीआई इस घटना की जांच कर रही है, वहीं केंद्र में सत्तारूढ़ दल की जांच टीम अलग से रिपोर्ट तैयार कर रही है. इससे जांच प्रभावित हो सकती है.

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