Museology Career Options in Museum: हेरिटेज पसंद करने वालों के लिए किसी म्यूजियम में समय बिताने से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता है. ऐसे लोगों को इतिहास के पन्नों में झांकना अच्छा लगता है. अगर आपको भी अपने देश की विरासत से लगाव है, पुरानी कलाकृतियों को पसंद करते हैं, तो आप म्यूजियोलॉजी (Museology) यानि संग्रहालय विज्ञान का अध्ययन कर सकते हैं. यह कोर्स आपके लिए शानदार करियर (Best Career Options) के दरवाजे खोल सकता है. जहां आपको अपना भविष्य संवारने के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए इतिहास को संरक्षित करने का मौका मिलता है.
कला की ओर बढ़ते रुझान को देखते हुए म्यूजियोलॉजी के क्षेत्र में विस्तार हुआ है. आजकल इस फील्ड में योग्य प्रोफेशनल्स की मांग लगातार बढ़ रही है. देश भर में सैकड़ों सरकारी और प्राइवेट म्यूजियम हैं, जो योग्य लोगों को जॉब (Jobs in Museum) ऑफर करते हैं.
What is Museology? म्यूजियोलॉजी क्या है?
म्यूजियोलॉजी में इतिहास और पुरातत्व (Archaeology) के साथ समाज पर उनके प्रभावों का अध्ययन किया जाता है. इसमें हिस्टोरिकल रिसर्च और कलेक्शन के साथ उन चीजों के रखरखाव, म्यूजियम डिजाइन के विभिन्न पहलूओं की जानकारी दी जाती है. इसमें म्यूजियम मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन भी शामिल है. म्यूजियम में ऐतिहासिक, साइंटिफिक और कलात्मक चीजों को सहेजकर रखने वाले प्रोफेशनल को म्यूजियोलॉजिस्ट (Museologist) कहा जाता है. ये म्यूजियम्स में क्यूरेटर्स (Museum Curators) की तरह कार्य करता है.
आवश्यक योग्यता और स्किल्स (Eligibility)
म्यूजियोलॉजी कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम योग्यता 12वीं पास है. किसी भी स्ट्रीम के स्टूडेंट्स यह कोर्स कर सकते हैं, बशर्ते उनकी रुचि हिस्ट्री, आर्कियोलॉजी, आर्ट, इंडियन कल्चर एंड हिस्ट्री, फाइन आर्ट्स आदि में हो. भारतीय और विदेशी परंपरा और धरोहर को समझने के लिए फॉरेन या क्लासिकल लैंग्वेज जैसे संस्कृत, पर्शियन, लैटिन, ग्रीक, अरेबिक, इटैलियन, जर्मन, फ्रेंच आदि का ज्ञान होने से करियर में जल्दी तरक्की मिलती है.
विदेशी डेलीगेट्स और आर्कियोलॉजिस्ट के साथ काम करने के लिए उम्मीदवार में बेहतर कम्युनिकेशन स्किल्स होना चाहिए. इसके अलावा डिजाइनिंग-स्केचिंग की बेसिक जानकारी से कलाकृतियों को फिर से डिजाइन करने और उनकी डेटिंग सीखने में आसानी होती है.
म्यूजियोलॉजी कोर्स (Museology Courses)
म्यूजियोलॉजी में डिप्लोमा, पोस्टग्रेजुएट और पीएचडी कोर्स उपलब्ध हैं. पोस्टग्रेजुएट कोर्स के लिए प्राचीन इतिहास, संस्कृति, समाजशास्त्र (Sociology), एंथ्रोपोलॉजी (Anthropology) में ग्रेजुएट होना चाहिए. इस फील्ड के प्रमुख कोर्स इस प्रकार हैं:
बैचलर ऑफ आर्ट्स इन म्यूजियोलॉजी एंड आर्कियोलॉजी
बीए इन म्यूजियोलॉजी
बीए इन आर्कियोलॉजी
पीजी डिप्लोमा इन म्यूजियोलॉजी एंड कंजर्वेशन
पीजी डिप्लोमा इन म्यूजियोलॉजी एंड हिस्ट्री ऑफ इंडियन आर्ट
एडवांस डिप्लोमा इन आर्कियोलॉजी एंड म्यूजियोलॉजी
एमए इन म्यूजियोलॉजी
एमए इन आर्कियोलॉजी
एमफिल इन म्यूजियोलॉजी एंड आर्कियोलॉजी
पीएचडी इन म्यूजियोलॉजी एंड आर्कियोलॉजी
Museum Work Profile: काम और स्कोप
कोर्स पूरा होने के बाद नेशनल म्यूज़ियम, आर्कलॉजिकल म्यूज़ियम, आर्ट गैलरी आदि में नौकरी मिलती है. म्यूजियोलॉजिस्ट किसी भी म्यूज़ियम में क्यूरेटर, डिप्टी क्यूरेटर, रिसर्च एसोसिएट, मैनेजर आदि के रूप में काम करते हैं. सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर में रोजगार के अवसर हैं. राष्ट्रीय धरोहर बचाए रखने की दिशा में सरकारें आजकल ख़ूब ध्यान दे रही हैं. इसके साथ प्राइवेट म्यूजियम व गैलरी भी खुल रहे हैं. इस वजह इस क्षेत्र में नौकरी के अवसरों की कोई कमी नहीं है. इसके अलावा उम्मीदवार चाहें तो एमफिल व पीएचडी कर टीचिंग और रिसर्च के क्षेत्र में भी सुनहरा करियर बना सकते हैं.
Museology Top Institutes in India: टॉप संस्थान
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़, यूपी
नेशनल म्यूज़ियम इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
गुरु गोविन्द सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली
स्कूल ऑफ आर्काइवल स्टडीज, नई दिल्ली
सेंटर फॉर म्यूजियोलॉजी एंड कंजर्वेशन, जयपुर
महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ़ बड़ौदा, वडोदरा
कलकत्ता यूनिवर्सिटी, कोलकाता
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय, मुंबई
जम्मू यूनिवर्सिटी, जम्मू
Museum Curator Salary: म्यूजियम क्यूरेटर की सैलरी
एक क्यूरेटर / म्यूजियोलॉजिस्ट के लिए शुरुआती वेतन लगभग 25,000 से 35,000 रुपये प्रति माह है. जबकि सीनियर क्यूरेटर को महीने में 65,000 से 75,000 रुपये तक ऑफर किए जाते हैं. अनुभव और पोस्ट के हिसाब से सैलरी बढ़कर लाखों तक पहुंच सकती है. सरकारी जॉब में सैलरी के अलावा अन्य सुविधाएं भी मिलती है. हालांकि, प्राइवेट सेक्टर में सैलरी पैकेज काफी बेहतर मिलता है. अगर कोई व्यक्ति अधिक कमाना चाहता है, तो वह भारत से बाहर नौकरी पाने का प्रयास कर सकता है. कोर्स के बाद विदेशों में भी नौकरी के अवसर मिलते हैं.