बॉलीवुड स्टार दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) का नाम 75 वें कान्स फिल्म फेस्टिवल के जूरी सदस्य की सूचि में शामिल किया गया है. इससे पहले भी कुछ भारतीय सेलेब्स को यह सम्मान दिया गया है. पूरी दुनिया के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल में से एक हैं कान्स फेस्टिवल (Cannes film festival) . भारतीय फिल्मों और प्रतिभाओं को हमेशा से ही इस समारोह में सम्मान दिया गया है. दीपिका से पहले भी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के कुछ प्रमुख नामों ने कान्स के लिए जूरी की भूमिका निभाई हैं. आइए एक नज़र डालते हैं कुछ बॉलीवुड सितारों पर जिनका नाम पिछले कुछ सालों से कान्स की जूरी लिस्ट में शामिल हुए हैं.
ऐश्वर्या राय बच्चन
अपनी फिल्म ‘देवदास’ की विशेष स्क्रीनिंग के लिए शेखर कपूर के साथ 2002 में कान्स में डेब्यू करने वाली, ऐश्वर्या (Aishwarya Rai Bachchan) पहली भारतीय महिला एक्ट्रेस थीं, जिन्होंने 2003 में जूरी के नामों में अपनी जगह बनाई थी. पिछले कईं वर्षों से, ऐश्वर्या राय बच्चन एक वह भारतीय बनी हुई हैं, जो नियमित रूप से ‘कान्स फिल्म फेस्टिवल’ का हिस्सा रही हैं.
शर्मीला टैगोर
बॉलीवुड की यह लेजेंड्री एक्ट्रेस 2009 में कान्स फिल्म फेस्टिवल की जूरी सदस्यों में शामिल हुईं थी. अपनी एक्टिंग से दर्शकों का कई दशकों से एंटरटेन करने वाली इस एक्ट्रेस को काफी लंबे समय के बाद इस फेस्टिवल में बतौर जूरी शामिल होने का मौका मिला. इससे पहले उनकी सत्यजीत रे द्वारा निर्देशित शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) की फिल्म ‘देवी’ को 1962 में फीचर फिल्म श्रेणी के लिए नामांकित किया गया था.
विद्या बालन
विद्या बालन (Vidya Balan), जिन्होंने ऐसे समय में एक्ट्रेस सेंट्रिक भूमिकाएं करते हुए बॉलीवुड में अपने लिए एक जगह बनाई, जब इंडस्ट्री में महिला एक्ट्रेस को सिर्फ हीरो के साथ की कठपुतली बनाई जाता था. विद्या ने 2013 में 66 वें कान फिल्म समारोह में जूरी के रूप में काम किया था.
शेखर कपूर
‘मि. इंडिया’ के निर्देशक, जिन्हें इंग्लिश फिल्म एलिजाबेथ के निर्देशन के लिए जाना जाता है, उन्हें 2010 में कान समारोह में जूरी बनने के लिए आमंत्रित किया गया था. 1994 में वापस, उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित फिल्म ‘बैंडिट क्वीन को इसी उत्सव में प्रस्तुत किया गया था.
मीरा नायर
फिल्म निर्माता मीरा नायर (मीरा Nair) ने 1990 में ‘कान्स फिल्म फेस्टिवल’ में जूरी के रूप में काम किया. बाद में, कान्स 1988 में, उनकी फिल्म ‘सलाम बॉम्बे’ ने ऑडियंस अवार्ड भी जीता. उनकी अधिकांश फिल्में अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को आकर्षित करने के लिए भारतीय कहानी पर डिजाइन की जाती हैं.