पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में बोगटुई नरसंहार ( Birbhum Violence ) और टीएमसी नेता शेख की हत्या के मामले में सीबीआई ने सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) में रिपोर्ट पेश की. इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने दोनों आरोपियों को जमानत खारिज करने के लिए फिर से निचली अदालत में अपील करने का निर्देश दिया है. जनसंहार मामले के दो आरोपियों को जुवेनाइल कोर्ट में बिना केस डायरी के जमानत दे दी गई है. अगर सीबीआई (CBI) जमानत खारिज करने के लिए आवेदन करती है तो उसे भी खारिज कर दिया जाएगा. अदालत को अपनी पहल पर जमानत खारिज करने की शक्ति है.
बता दें पश्चिम बंगाल के बोगटुई में हुई आगजनी और हिंसा मामले 10 लोगों की मौत हो गई थी. बीरभूम जिले में एक स्थानीय टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या के बाद गांव के कुछ घरों में आग लगा दी गई थी जिसमें कुल 10 लोगों की मौत हो गई है. इस दोनों मामले की जांच सीबीआई कर रही है.
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई कर रही है जांच
West Bengal | Calcutta High Court orders CBI to file a copy on the Birbhum, Rampurhat violence case, where the bail granting order to 2 juvenile accused was given in the form of an affidavit. The next date of hearing is the 10th of May.
— ANI (@ANI) May 2, 2022
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. इससे पहले विशेष जांच टीम ने 22 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें तृणमूल कांग्रेस नेता अनारुल हक भी शामिल थ. बोगटुई गांव रामपुरहाटसे मुश्किल से 150 मीटर की दूरी पर ही है. इस गांव में 21 मार्च की रात लगभग 10 घरों में आग लगा दी गई थी. मोटरसाइकल सवार लोगों ने पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई थी. सीबीआई भादू शेख की हत्या और बालू, पत्थर तस्करी के ऐंगल से भी जांच कर रही है.
बीरभूम नरसंहार को लेकर विरोधी दलों निशाने पर थी ममता बनर्जी
इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने ममता बनर्जी की सरकार को भी घेरा था. इसके बाद ममता बनर्जी ने मृतकों को सहायता राशि देने का ऐलान किया था. ममता बनर्जी द्वारा पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने के ऐलान के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया था और मामले को प्रभावित करने का आरोप लगाया था. हाल में ममता बनर्जी ने प्रशासनिक बैठक में बीरभूम और रामपुरहाट के पुलिस अधिकारियों को इस घटना के लिए फटकार लगाई थी. ममता बनर्जी के निर्देश पर जिला के पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधिकारी का तबादला कर दिया गया था. सीएम ने पुलिस अधिकारियों पर सरकार की इमेज को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था.