सियासत में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के प्रत्यक्ष रूप से सक्रिय होने की बात सामने आने के बाद बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है. राजनीति में प्रशांत किशोर के आने की आहट से बिहार की सियासी पार्टियों में सुगबुगाहट साफ दिख रही है. बिहार के कुछ राजनीतिक दल उनका राजनीति में स्वागत कर रहे हैं तो कुछ राजनीतिक दल उनपर तंज कस रहे हैं. बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी प्रशांत किशोर पर तंज कसा है. पीके के पॉलिटिकल एंट्री के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि कौन है प्रशांत किशोर? हम ना प्रशांत किशोर का न्यूज देखते हैं और ना ही सुनते हैं
इससे पहले आरजेडी ने कहा था कि बिहार में तेजस्वी का जादू चल रहा है और बिहार में तेजस्वी मॉडल ही चलेगा. किसी के आने से कोई फर्क नहीं पड़ता है
तेजस्वी को जनता का प्यार
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राजनीति में आने के लिए रोक-टोक नहीं है. कोई भी पार्टी बना सकता है, लेकिन रणनीतिकार रहना और खुद राजनीति करना दोनों में अंतर है. जनता के विश्वास को जीतना राजनीति का सबसे पहला अध्याय है जिसमें तेजस्वी आगे हैं. मृत्युंजय तिवारी ने कहा तेजस्वी को जनता का प्यार हासिल है. बिहार जनता दल ने विधानसभा चुनाव में जनता ने प्यार दिया. उनके मॉडल ही बिहार में चलेगा. बिहार के लोग राजनीतिक समझ ज्यादा रखते हैं
सुशील मोदी के निशाने पर पीके
तो बिहार बीजेपी नेता राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी प्रशांतकिशोर पर तंज किया और कहा कि बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी को भी राजनीतिक के प्रयोग करने या दल बनाने की पूरी आजादी है. इसलिए देश में सैकड़ों दल पहले से हैं, अब इस भीड़ में यदि कोई अति महत्वकांक्षी व्यक्ति एक नई नहर बनाना चाहता है तो इससे सदाबहार नदियों को क्या फर्क पड़ेगा.
पीके पर बोलने से CM कर रहे हैं परहेज
पीके से व्यक्ति संबंध होने की बात कहने वाले नीतीश कुमार भी पीके पर बोलने से परहेज कर रहे हैं. मंगलवार को जब उनसे प्रशांत किशोर की राजनीतिक एंट्री पर सवाल किया तो पहले उन्होंने इसे टालने की कोशिश की. इसके बाद उनसे जब दोबारा पीके के बावत सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि ई सब से हमारा कोई लेना देना नहीं है