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Bihar: आग की घटना में तेजी के बाद सरकार का आदेश, पीड़ित परिवार को तत्काल मिले सहायता, फसल जलने के बाद मुआवजा

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बिहार (Bihar) में प्रचंड गर्मी और तेज हवाओं की वजह से आग लगने की घटना में तेजी आई है. पिछले एक सप्ताह में आग (Fire incidents) से कई घर जलकर खाक हो गया है, बिहार के समस्तीपुर के विद्यापतिनगर थाना क्षेत्र के गढ़सिसई गांव में रविवार को अचानक आग ने 30 घरों को अपनी चपेट में ले लिया. शॉर्ट सर्किट से लगी आग के बाद भगदड़ मच गई. अगलगी की इस भीषण घटना में एक मासूम की जिंदा जलकर मौत हो गई. दमकल की चार गाड़ियों और स्थानीय ग्रामीणों के काफी प्रयास के बाद आग पर काबू पाया तो वहीं खगड़िया में अलग-अलग घटनाओं में 35 से ज्यादा घर जलकर खाक हो गया. अगलगी की लगातार हो रही घटनाओं के बाद राज्य सरकार ने पीड़ितों को तत्काल मुआवजा देने आदेश दिया है.

इस बाबत आपदा प्रबंधन के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि पशु, फसल व गृह क्षति होने पर मानदर तय है. उसके अनुसार पीड़ितों को बिना देरी किए मुआवजा दिया जाए

पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता राशि दी जाए

संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि राज्य में इन दिनों लोगों को भीषण गर्मी एवं लू का सामना करना पड़ रहा है. आगजनी की घटनाएं प्रायः घट रही है. आगजनी की वजह से मकान-झोपड़ी, फसल, पशु क्षति के मामले सामने आ रहे हैं.ऐसे पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता राशि दिया जाए

पीड़ित परिवार को मानदर के अनुसारभुगतान

जारी आदेश में कहा गया है कि मकान और झोपड़ी के क्षतिग्रस्त होने के मामले में यह सुनिश्चित किया जाय कि क्षतिग्रस्त संरचना वास्तव में अस्थायी झोपड़ी, कच्चा मकान का अतिरिक्ति भाग, फूस, गीली मिटृटी, प्लास्टिक शीट्स आदि से बना है. यह सुनिश्चित करने के बाद पीड़ित परिवारों को मानदर के अनुरूप गृह क्षति का अनुदान उपलब्ध कराया जाए

‘फसल जलने पर भी मिले मुआवजा’

पशुओं के लिए बनाए शेड अगर अग्निकांड के कारण नष्ट होते हैं तो उन्हें भी मानदर दिया जाए. इसके साथ ही किसानों के खेत में लगी फसल अथवा खलिहान में रखी फसल की क्षति होने की स्थिति में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कितने क्षेत्र में लगी फसल की क्षति हुई है. खलिहान अथवा घर में रखे गए फसल नष्ट होने पर यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि कितने क्षेत्र में लगी फसल की क्षति हुई है. यदि फसल की क्षति 33 प्रतिशत या उससे अधिक हुआ हो तो सहायता के रूप में कृषि इनपुट सब्सिडी का भुगतान सुनिश्चित किया जाय

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