उत्तर प्रदेश
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री केंद्रीय कैबिनेट मंत्री डॉ. वीरेंदर कुमार ने बीएचयू में डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केन्द्र का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ किया। ये केन्द्र 31 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में स्थापित हो जा रहे हैं। डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केन्द्रों में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को प्रशासनिक सेवा परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रत्येक केन्द्र को सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय व डॉ अंबेडकर प्रतिष्ठान के माध्यम से हर वर्ष 75 लाख रुपये की धनराशि मुहैया कराएगा। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शिक्षकों, शोधार्थियों व छात्रों का आह्वान किया। जिससे कि वह विश्वविद्यालय परिसरों से बाहर निकल कर गांवों तथा पिछड़े क्षेत्रों में जाए। एवं निर्धनों, महिलाओं व बच्चों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याएं समझें व उनके निराकरण के तरीके सुझाएं।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डॉ. विरेन्द्र कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षाविदों का आह्वान किया कि वह अपने संस्थानों में वंचित व पिछड़े वर्ग के प्रतिभावान विद्यार्थियों के उत्थान व कल्याण के लिए काम करने का संकल्प लेकर लौटें। केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि पिछड़ों व वंचितों के उत्थान के लिए पीएम मोदी की संवेदनशीलता व प्रतिबद्धता का ही नतीजा है कि आज हमें सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं।
योजना के शुभारंभ को यादगार लम्हा बताते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री ए. नारायणस्वामी ने कहा कि यह सही समय पर, सही दिशा में लिया गया, सही निर्णय है। जिससे प्रधानमंत्री मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास तथा सबका प्रयास” के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। विशेष अतिथि जाने माने एजुकेटर तथा सुपर 30 समूह के संस्थापक आनंद कुमार ने योजना की सराहना भी की।
यह समाज में समानता के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक बड़ा क़दम है। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के सपनों को सामाजिक समानता हासिल करके ही पूरा किया जा सकता है। भारत सरकार, आर. सुब्रमण्यम ने मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय हर वर्ष 2 करोड़ विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा तक सुगम पंहुच के लिए सहायता प्रदान कर रहा है।