कलकत्ता उच्च न्यायालय ( Calcutta High Court ) द्वारा मंगलवार को कोंटाई नगर चुनाव के सीसीटीवी फुटेज के फोरेंसिक ऑडिट के निर्देश के खिलाफ पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court, Special Leave Petition ) का रुख किया. राज्य चुनाव आयोग ने विशेष अनुमति याचिका दायर करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी, जिसमें कोंटाई नगर पालिका चुनावों ( Contai Municipality polls ) के लिए बूथों से फोरेंसिक परीक्षा के लिए मतदान के सीसीटीवी फुटेज को दिल्ली में केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लैब में भेजने का आदेश दिया गया था. मामले की सुनवाई 14 जून तक के लिए स्थगित कर दी गई है. बता दें कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के भाई सौमेंदु अधिकारी बनाम राज्य पश्चिम बंगाल के मामले में कोंटाई नगरपालिका चुनाव के दौरान धांधली का आरोप लगाया गया था.
सौमेंदु अधिकारीआरोप लगाया गया था कि मतदान में हिंसा और कदाचार की घटनाएं देखी गईं थीं. मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की पीठ ने पाया कि अदालत के पिछले प्रयासों के बावजूद, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुआ था.
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर
WB Election Commission moves Supreme Court, filing a Special Leave Petition, challenging Calcutta High Court order to send CCTV footage of voting from booths for Contai Municipality polls for forensic exam to the Central Forensic Science Lab in Delhi
Case adjourned till June 14.
— ANI (@ANI) May 2, 2022
पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी, जिसमें कोंटाई नगर पालिका चुनावों के लिए बूथों से फोरेंसिक परीक्षा के लिए मतदान के सीसीटीवी फुटेज को दिल्ली में केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लैब में भेजने का आदेश दिया गया था. बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था, “न केवल इस न्यायालय के पहले के आदेशों के अनुपालन का पता लगाने के लिए, बल्कि व्यापक जनहित में और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए, कोंटाई नगर चुनाव के सीसीटीवी फुटेज का फोरेंसिक ऑडिट करवाना आवश्यक है.”
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज और कैमरे की जांच का दिया था आदेश
उच्च न्यायालय कोंटाई नगरपालिका चुनावों के दौरान बूथ कैप्चरिंग, जाली वोटिंग, हिंसा आदि जैसे कदाचार के आरोपों से संबंधित एक जनहित याचिका (पीआईएल) याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया था. कोर्ट के पहले के आदेशों के अनुसार, राज्य चुनाव आयोग को राज्य भर के सभी मुख्य और सहायक बूथों पर विशिष्ट स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और उनके फुटेज को संरक्षित करने के लिए कहा गया था. याचिका में मुख्य प्रार्थना केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती करके कोंटाई नगर पालिका के लिए नए सिरे से चुनाव कराने की थी.