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Ayodhya: ताजमहल में नो एंट्री के बाद अयोध्या पहुंचाए गए परमहंस आचार्य, बड़ा आरोप लगाते हुए बोले- भगवा वस्त्र पहनने की वजह से रोका

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आगरा के ताजमहल में भगवा वस्त्र धर्म दंड के साथ प्रवेश करने के दौरान ताजमहल की सुरक्षा में लगे सुरक्षा गार्डों तथा अधिकारियों के द्वारा अयोध्या धाम के तपस्वी जी की छावनी के संत परमहंस (Paramhans Das Taj Mahal Entry Row) को रोके जाने का मामला बढ़ता ही जा रहा है. ताजमहल जाने से रोकने के बाद अयोध्या (Ayodhya) लौटे परमहंस ने कई आरोप लगाय हैं. बीते 26 अप्रैल को आगरा के ताजमहल में अयोध्या धाम के राम घाट स्थित तपस्वी जी की छावनी के संत परमहंस दास को धर्म दंड के साथ ताजमहल के परिसर में प्रवेश से रोक दिया गया था जिसके बाद ताजमहल की पश्चिमी गेट पर प्रशासन तथा एएसआई के अधिकारियों के द्वारा महंत परमहंस दास को बिना धर्म दंड के ताजमहल के परिसर में प्रवेश की इजाजत भी दी गई थी. लेकिन संत परमहंस दास ने इस शर्त पर ताजमहल के परिसर में जाने से मना कर दिया था. परमहंस दास धर्म दंड के साथ ही ताजमहल में प्रवेश करने की जिद पर अड़े रहे अंततः सुरक्षा कारणों से परमहंस दास को परिसर में प्रवेश नहीं दिया गया था जिसके बाद परमहंस दास ने ताजमहल की सुरक्षा में लगे सुरक्षा अधिकारियों पर भगवा वस्त्र धारण करने का कारण बताकर तमाम आरोप भी लगाए.

सुरक्षा में तैनात अधिकारियों के ऊपर परमहंस ने आरोप लगाया था कि ताजमहल परिसर में भगवा वस्त्र धारियों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है सिर्फ जाली टोपी लगाए लोगों को ही ताजमहल के सुरक्षा में लगे सुरक्षा के लोग सम्मान और प्रवेश की इजाजत दे रहे हैं. परमहंस दास ने आगरा की ताजमहल को भगवान शिव का शिवालय बताया जिसे वह तेजो महालय के नाम से संबोधित भी कर रहे हैं. परमहंस आचार्य का दावा है कि आगरा का ताजमहल पहले तेजो महालय था जिसे मुगलों ने तोड़कर ताजमहल का आकार और नाम दे दिया है. परमहंस आचार्य ने यह भी कहा है कि तेजो महालय की इतिहास को धूमिल करने के लिए उसे ताजमहल पढ़ाया गया है. परमहंस आचार्य ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि 26 अप्रैल को मुझे वहां प्रवेश नहीं दिया गया जब मैं वहां से वापस आ गया तो दूसरे दिन हमारे समर्थक वहां पहुंचे तो उनको ताजमहल के परिषद में खरीदी गई जबकि उसमें कुछ लोगों ने भगवा वस्त्र भी धारण किया और धर्म दंड भी लिया था. उसके बाद वहां के एसआई चीफ ने मुझ से क्षमा मांग कर ताजमहल आने के लिए निमंत्रण भी दिया था.

तीसरी बार अगर भगवा वस्त्र पहन कर आए तो एंट्री पर हमेशा के लिए लगेगी रोक

परमहंस ने आगे कहा कि 3 मई को भगवान परशुराम की जयंती के अवसर पर जब मैं वहां गया तो फिर प्रशासन ने हमको अंदर प्रवेश नहीं करने दिया और प्रशासन ने कहा कि यह दूसरी बार आपको इसलिए रोका जा रहा है क्योंकि आप भगवा वस्त्र धारण किए हैं इसलिए आपको अंदर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. परमहंस दास ने आगे कहा कि बोला गया कि अगर तीसरी बार आप भगवा वस्त्र पहनकर यहां पर आ गए तो आपको तेजो महालय में हमेशा के लिए प्रवेश के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा. आप जा नहीं पाएंगे उसके बाद मैं वहां से चला आया क्योंकि हमारी पहले से घोषणा थी कि 5 मई को मैं तेजो महालय में प्राण प्रतिष्ठा करूंगा और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए सनातन धर्म संसद आयोजन करूंगा.

अगर योगी और मोदी के राज में भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बना तो फिर कभी नहीं बनेगा

परमहंस दास ने आगे बताया कि जब मैं यहां से आगरा के लिए जा रहा था तो यहां पर भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और मुझे जाने नहीं दिया जा रहा है जगतगुरु आचार्य परमहंस दास ने कहा कि एक धर्म आदेश जारी करता हूं कि 100 करोड़ हिंदू उठो खड़े हो जाओ भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए आवाज उठाओ यही हिंदुओं को बचने का एकमात्र तरीका है. दास ने कहा कि अगर वैदिक संस्कृति को बचाना है अगर हिंदुओं को अपना अस्तित्व बचाना है तो भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए आवाज देनी पड़ेगी और इससे अच्छा अवसर कभी नहीं मिलेगा. अगर योगी और मोदी के राज में भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बना तो आगे कभी बंद नहीं सकता है इसके लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा. हम 85% है लेकिन 15% वाले हमेशा पत्थर चलाते हैं, हमेशा एंटी नेशनल नारा लगाते हैं लेकिन इसके बावजूद भी हम लोगों ने कभी हथियार नहीं उठाया है लेकिन अब संवैधानिक दायरे में भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए आज मेरा यह धर्म आदेश है और 100 करोड़ हिंदू रोड पर उतरने के लिए तैयार है.

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