सनातन परंपरा में शुभता और सौभाग्य (Good luck) को पाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. जिसमें प्रात:काल जल्दी उठने से लेकर कई आदते शामिल हैं, जिन्हें अपनाने से व्यक्ति को जीवन में मनचाही सफलता (Success) और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. इसी के साथ कुछेक चीजें ऐसी भी हैं, जिन्हें सुबह-सुबह करने की सख्त मनाही भी है. आइए सुबह के समय जाने-अनजाने की जाने वाली उन गलतियों (Mistakes) के बारे में विस्तार से जानते हैं, जिनके कारण न सिर्फ आपका पूरा दिन खराब जाता है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि की जगह दु:ख और दुर्भाग्य (Bad Luck) का सामना करना पड़ता है.
सनातन परंपरा के अनुसार यदि आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता चाहते हैं तो सबसे पहले आपको प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठना चाहिए और भूलकर भी सूर्योदय के बाद नहीं सोना चाहिए. मान्यता है कि सूर्योदय के बार देर तक सोने वालों से धन की देवी लक्ष्मी रूठ जाती हैं और उसे जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
कई बार कुछ लोग सुबह जल्दी उठने के बाद फिर दोबारा से सो जाते हैं या फिर उंघते रहते हैं. इसे शुभ नहीं माना गया है. ऐसे में प्रात:काल उठने के बाद भूलकर दोबारा सोने से बचना चाहिए.
कुछ लोगों को प्रात:काल बिस्तर से उठते ही शीशे के सामने जाकर अपना चेहरा देखने की आदत होती है. यदि आपकी भी यही आदत है तो अपनी ये आदत तुरंत बदल डालिए क्योंकि इसे बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता है. यदि आपके बेड के सामने शीशा या टीवी स्क्रीन है तो उसमें सुबह-सुबह अपना प्रतिबिंब नहीं देखना चाहिए.
जिस तरह सुबह-सुबह शीशे में अपना चेहरा देखना अशुभ माना जाता है, कुछ वैसे ही अपनी परछाईं, कुत्तों को लड़ाई और मन में नकारात्मक भाव लाने वाली तस्वीरों को देखना बेहद अशुभ माना गया है.
सुबह-सुबह किचन में जूठे बर्तन देखना या फिर किचन में बगैर नहाए जाना अत्यंत ही अशुभ माना जाता है. मां अन्नपूर्णा की कृपा से आपके घर में अन्न का भंडार भरा रहे, इसके लिए प्रतिदिन रात को किचन पूरी तरह से साफ कर देना चाहिए और प्रात:काल स्नान करने के साफ वस्त्र पहनकर ही किचन में प्रवेश करना चाहिए.
मान्यता है कि प्रात:काल आप जो कुछ भी करते हैं, उसका प्रभाव आप पर पूरे दिन बना रहता है. ऐसे में सुबह उठते ही किसी के साथ लड़ाई-झगड़ा या नहीं करना चाहिए, अन्यथा आप पर पूरे दिन उस विवाद को लेकर तनाव बना रहेगा. जिसका असर आपकी कार्यक्षमता के साथ आपकी सफलता पर भी देखने को मिलेगा.
प्रात:काल उठने के बाद किसी से झूठ बोलनसे से बचना चाहिए और स्वयं खुश रहते हुए दूसरों को भी अधिक से अधिक खुश करने का प्रयास करना चाहिए.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)