पश्चिम बंगाल विधानसभा 2021 के चुनाव परिणाम के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah Bengal Visit ) का पहली बार चार मई से बंगाल दौरा शुरू हो रहा है. तीन दिवसीय दौरे के दौरान अंतरकलह से जूझ रही बंगाल बीजेपी के नेताओं (West Bengal BJP Leaders) पर लगाम लगाएंगे. इसके साथ ही चुनाव के बाद राज्य में राजनीतिक हिंसा (West Bengal Post Polls Violence) को लेकर ममता बनर्जी के खिलाफ हुंकार भरेंगे. बता दें कि साल 2018 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की बंगाल इकाई ने 42 सीटों में से 18 सीटों पर जीत हासिल कर बंगाल में कमल खिलाने का सपना देखा था, लेकिन साल 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का यह सपना चकनाचूर हो गया था. उसके बाद बीजेपी नेताओं में तकरार मची है.
टीएमसी की जीत की पहली वार्षिकी के अवसर पर बंगाल बीजेपी की ओर से चुनाव बाद हिंसा के खिलाफ कोलकाता में एक जुलूस निकाला गया था, जिसमें पार्टी के नेता दिलीप घोष, सुकांत मजूमदार, शुभेंदु अधिकारी, राहुल सिन्हा सहित पार्टी के आला नेता हाजिर थे और सभी ने ममता बनर्जी की सरकार और हिंसा पर जमकर निशाना साधा. अमित शाह के पहले बंगाल बीजेपी के नेताओं ने एकजुटता दिखाई.
बंगाल दौरे के दौरान आरएसएस कार्यालय में भी जाएंगे अमित शाह
बंगाल बीजेपी के वरिष्ठ नेता के अनुसार अमित शाह 4 मई की शाम को कोलकाता पहुंचेंगे. पांच मई के पूर्वाह्न में वह बीएसएफ के हेंगलगंज में सरकारी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. शाम को वह कोलकाता लौट आएंगे और कोलकाता में पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे. 5 मई को दोपहर 3 बजे सिलीगुड़ी में रेलवे मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे और राजनीतिक हिंसा के खिलाफ ममता बनर्जी के खिलाफ हुंकार भरेंगे. वह सिलीगुड़ी में पार्टी नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे. अगले दिन उनका बीएसएफ के कार्यक्रम के तहत तीन बीघा जाने का कार्यक्रम है. दोपहर में कोलकाता में पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. उसके बाद विक्टोरिया मेमोरियल में सांस्कृतिक मंत्रालय का कार्यक्रम है, जिसमें वह हिस्सा लेंगे. प्राप्त जानकारी के अनुसार अमित शाह का आरएसएस कार्यालय जाने की भी कार्यक्रम है.
बंगाल बीजेपी के नेताओं में मची है तकरार
विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद बंगाल बीजेपी ने संगठन को मजबूत करने की पहल की थी और बंगाल बीजेपी के सबसे सफल अध्यक्ष रहे दिलीप घोष की जगह सुकांत मजूमदार को नया अध्यक्ष बनाया गया. सुकांत मजूमदार ने पार्टी की कमान संभालने के बाद पार्टी की राज्य कार्यकारिणी में बड़ा फेरबदल किया गया,लेकिन इस फेरबदल से पार्टी के नेता नाराज हो गए और पार्टी कई गुट में बंट गया. बीजेपी छोड़ने वाले नेताओं की होड़ मची हुई है. बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद बाबुल सुप्रियो ने बीजेपी से नाता तोड़ कर टीएमसी में शामिल हो चुके हैं. प्रत्येक दिन कोई न कोई नेता और विधायक बगावत करता दिखाई देता है. इस बीच, पार्टी का जनाधार कम हो रहा है. चुनावों में बीजेपी की लगातार हार हो रही है.