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Alwar Temple Case: मंदिर तोड़े जाने पर एक्शन में आई गहलोत सरकार, SDM, ईओ और नगरपालिका चेयरमैन को किया सस्पेंड

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राजस्थान (Rajasthan) के अलवर (Alwar Temple Case) के राजगढ़ में मंदिर तोड़े जाने मामले में गहलोत सरकार एक्शन मोड (Ashok Gehlot government) में आ गई है. सरकार ने इस मामले में सोमवार देर रात सख्त कदम उठाते हुये राजगढ़ उपखंड अधिकारी केशव मीणा को सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही नगरपालिका ईओ बनवारीलाल मीणा और राजगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष व बीजेपी नेता सतीश दुहरिया को को भी निलंबित कर दिया गया है, हालांकि बीजेपी सतीश दुहरिया का बचाव करते हुए दावा कर रही थी कि उन्होंने राजगढ़ में मंदिरों को गिराने के फैसले को मंजूरी नहीं दी थी.

इस मामले में बीजेपी की ओर से मौके पर गई जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष को सौंप दी है. मामला अलवर जिले के राजगढ़ कस्बे का है. बता दें कि मामले मेंबीड़ा के कमिश्नर रोहिताश्व कुमार जांच कर रहे हैं. मंदिर ढहाने पर मच रहा बवाल इस समय अपने चरम पर पहुंच गया है.

मंदिर ढहाने पर मच गया है बवाल

अतिक्रमण हटाने के नाम पर मंदिर ढहाने के बाद राजगढ़ देशभर में राजनीति का केन्द्र बिंदू बना हुआ है. बीजेपी इस मसले को लेकर गहलोत सरकार पर जबरदस्त तरीके से हमलावर हो रखी है. राजगढ़ में आये दिन बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के दौरे हो रहे हैं. जिला प्रशासन पूरे अलर्ट मोड पर आया हुआ है. पूरे प्रकरण में विपक्ष के हमले झेल रही अशोक गहलोत सरकार ने सोमवार देर रात राजगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष, उपखंड अधिकारी और नगरपालिका ईओ को सस्पेंड कर सख्त संदेश देने की कोशिश की है.

ये है पूरा मामला

अलवर के राजगढ़ में 17 और 18 अप्रैल को अतिक्रमण हटवाए जाने के दौरान तीन पूर्व निर्मित मंदिरों पर कार्रवाई की गई थी. दरअसल वसुंधरा राजे सरकार के दौरान राजगढ़ में मास्टर प्लान के तहत विकास के लिए गौरवपथ बनाने का शुरू किया गया था, लेकिन, अतिक्रमण के कारण इसे रोक दिया गया. यहां की नगरपालिका में बीजेपी का बोर्ड है. इसमें 34 सदस्य बीजेपी और एक सदस्य कांग्रेस का है.

बताया जा रहा है कि पिछले साल नगरपालिका की बैठक में अतिक्रमण हटाए जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया था. इसके बाद 17-18 अप्रैल को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी. इस कार्रवाई के बाद राज्य की राजनीति में बवाल मच गया है.

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