वैश्विक आतंकी समूह अल-कायदा (Al-Qaeda New Video) ने कश्मीर को लेकर एक और वीडियो मैसेज जारी किया है, जिसमें धारा 370 हटने को ‘मुसलमानों को मुंह पर तमाचा’ मारना करार दिया है. जम्मू कश्मीर को संविधान की धारा 370 और अनुच्छेद 35ए के तहत विशेष दर्जा मिला हुआ था. साल 2019 में 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करके जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) का विशेष दर्जा वापस ले लिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया था. अब अल-कायदा के चीफ अयमान अल-जवाहिरी का इसे लेकर एक वीडियो सामने आया है.
जवाहिरी ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर भारत का साथ देने को लेकर अरब देशों की आलोचना की है. साथ ही जम्मू कश्मीर और फलस्तीन को समान बताने की कोशिश की है. इस वीडियो को अल-कायदा की मीडिया विंग अस-साहब ने जारी किया है. जिसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ जामिया यूनिवर्सिटी में हुए विरोध प्रदर्शन के वीडियो दिखाए गए हैं. वीडियो में हिजाब के पक्ष में विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों और भारत में हिंसा के दौरान के दूसरे विजुअल दिखाए गए हैं.
भारत में हिंसा भड़काने की कोशिश की
अल-जवाहिरी ने इजरायल और भारत को समान बताने की कोशिश की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘दुश्मन’ कहा. उसने कहा कि कश्मीर की लड़ाई ‘मुस्लिमों और जिहाद की लड़ाई है.’ वीडियो के जरिए आतंकी संगठन अल-कायदा ने भारत में हिंसा भड़काने की कोशिश की है. जवाहिरी ने कश्मीर के लोगों से हथियार उठाने को भी कहा है. बता दें पाकिस्तान के ऐब्टाबाद में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद से संगठन को अल-जवाहिरी चला रहा है. फिलहाल ये आतंकी अपने संगठन को किसी अज्ञात जगह से चला रहा है.
एक्यूआईएस के गठन का ऐलान किया था
इससे पहले साल 2014 में अल-कायदा के नेता अयमान अल-जवाहिरी ने एक्यूआईएस के गठन का ऐलान किया था. इसका चीफ भारत में जन्मे आशिम उमर को बनाया गया. इसका मकसद भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार और बांग्लादेश की सरकारों के खिलाफ जिहाद छेड़ना है. जवाहिरी ने पहले भी कई वीडियो जारी किए हैं. जिनमें वो लोगों को भड़काकर हिंसा करवाने की कोशिश करता है. इससे पहले कई बार अल-जवाहिरी की मौत की खबर सामने आई है. लेकिन उसके कश्मीर और संयुक्त राष्ट्र को लेकर दिए जा रहे इस तरह के बयानों के बाद से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं. ये आतंकवाद की दुनिया का बड़ा नाम है, जिसे अभी तक खुफिया और जांच एजेंसियां मरा हुआ मानकर चल रही थीं.