भारतीयों को सोना (Gold) खरीदना बहुत पसंद है. खास तौर पर, अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग सोना खरीदते (Buy Gold) हैं. अब आपके दिमाग में यह सवाल आ रहा होगा, कि आपको इस साल क्या खरीदना चाहिए. आपके सामने कई सारे विकल्प मौजूद हैं. इनमें फिजिकल गोल्ड (Physical Gold), सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB), गोल्ड ईटीएफ (गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स), डिजिटल गोल्ड और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स शामिल हैं. अक्षय तृतीया इस साल 3 मई को आ रही है. इसे देश भर में बहुत धूमधाम से मनाया जाएगा.
यह मौका हिंदुओं के लिए बेहद शुभ माना जाएगा. इस दिन सोना खरीदना बहुत अच्छा माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि सोना खरीदने से अच्छी किस्मत और समृद्धि आती है. आइए जानते हैं कि गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स के बीच अंतर को जानते हैं.
गोल्ड ETF और म्यूचुअल फंड्स में अंतर
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स यानी ईटीएफ 99.50 फीसदी शुद्ध सोने में निवेश करते हैं. जबकि, गोल्ड म्यूचुअल फंड्स गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं. व्यक्ति गोल्ड फंड में कम से कम 1,000 रुपये के निवेश से शुरू कर सकता है. हालांकि, गोल्ड ईटीएफ के मामले में, न्यूनतम निवेश की राशि 1 ग्राम सोने की मौजूदा कीमत के बराबर होगी.
गोल्ड ईटीएफ निवेशकों के लिए ज्यादा सस्ते साबित होते हैं. क्योंकि इनमें एग्जिट लोड नहीं होते हैं. दूसरी तरफ, निवेशकों को गोल्ड फंड के मामले में एक साल पूरा होने से पहले यूनिट्स रिडीम करने के लिए एग्जिट लोड का भुगतान करना पड़ता है.
क्योंकि गोल्ड ईटीएफ यूनिट्स शेयर बाजार पर ट्रेड होती हैं, इसलिए व्यक्ति ट्रेडिंग के घंटों के दौरान दिन के किसी भी समय पर इन्हें खरीद या बेच सकता है. गोल्ड फंड्स के मामले में, व्यक्ति दिन के आखिर में केवल रिडीम कर सकता है और उसे खरीदारी के लिए फंड हाउस में अप्लाई करना होता है.
गोल्ड ईटीएफ के मामले में, निवेश का एसआईपी मोड करीब गैर मौजूद है. हालांकि, गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी की इजाजत होती है.
डीमैट अकाउंट गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए अनिवार्य है. दूसरी तरफ, गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में व्यक्ति बिना डीमैट अकाउंट के भी निवेश कर सकता है.