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30 लाख का इनामी रहा नक्सली शिव शंकर रजक उर्फ बाबा की इलाज के दौरान मौत, जहानाबाद जेल ब्रेक कांड का भी था मुख्य आरोपी

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पटना के जहानाबाद जेल ब्रेक कांड (Jehanabad Jail Break) का मुख्य आरोपी नक्सली एवम बिहार झारखंड (Bihar Jharkhand) के एरिया कोर कमिटी के मुख्य सदस्य शिव शंकर रजक उर्फ बाबा की आज मृत्यु हो गई. कहा जा रहा है कि नक्सली बाबा की मौत PMCH में किडनी फेल होने की वजह से हो गई. बाबा को 2005 में छुड़ाने के लिए नक्सलियों ने जेल ब्रेक कांड की घटना को अंजाम दिया था. सरकार ने इसे पकड़ने के लिए 30 लाख का इनाम भी रखा था.

21 जून 2015 जहानाबाद के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार के निर्देश पर घोषी थाना क्षेत्र में ग्राम अतियावां में कमला सिंह के घर का घेराबंदी कर छापेमारी की गयी तो वहां पूर्व से मौजूद कुख्यात नक्सली प्रदुम्न शर्मा एवं उसके पांच छह साथी चकमा देकर भाग गये.

बाबा पर 37 मामले थे लंबित

इसके बाद घर की तलाशी के दौरान पुलिस ने शिव शंकर रजक को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उसे बेउर जेल में रखा गया था.जेल ब्रेक कांड के बाद बाबा को गया सेन्ट्रल भेजा गया था. जहां से उसे पटना के बेउर जेल में स्थानांतरित किया गया था. शिव शंकर रजक उर्फ बाबा पर 37 मामले लंबित थे. उसे कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.तबीयत ख़राब रहने की वजह से उसे इलाज के लिए PMCH लाया गया था.

क्या है जहानाबाद जेल ब्रेक कांड

जहानाबाद में 15 नवंबर 2005 की रात करीब नौ बजे एक हजार नक्सलियों ने शिव शंकर रजक उर्फ बाबा समते अपने दूसरे साथियो को छुड़ाने के लिए जेल पर हमला बोल दिया था. तब गोलियों की तड़तड़ाहत और बमों के धमाके से पूरा जहानाबाद थर्रा उठा था. नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों और जेल में बंद कैदियों की हत्या तो की ही, अजय कानू समेत सैकड़ों कैदियों को छुड़ा कर फरार हो गये.

साढ़े तीन सौ कैदी हो गए थे फरार

नक्सलियों ने जहानाबाद पुलिस लाइन को चारों तरफ से घेरे लिया था. ताकि जेल में पुलिसकर्मियों को कोई मदद नही मिल पाए. इस घटना के बाद जेल से करीब साढ़े तीन सौ कैदी भाग गये थे. बाद में उन कैदियों को लौटने की मोहलत प्रशासन की तरफ से दी गयी. इसके बाद भी 130 कैदी वापस नहीं लौटे.

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