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अजब-गजब मौसम : शिमला में धुंध के बीच दिन में लाइट जलाकर सफर कर रहे वाहन चालक

by Madhurendra
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में दो दिन की राहत के बाद मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। शिमला शहर में सोमवार सुबह 10 बजे तक धूप खिली, लेकिन इसके बाद अचानक मौसम के मिजाज बदल गए। शहर धुंध के आगोश में छा गया और तेज़ बरसात शुरू हो गई। धुंध के कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वाहन चालक लाइट जलाकर सफर करते हुए दिखाई दिए। बारिश से शिमला का मौसम हल्का ठंडा हो गया। पिछले दो दिन शिमला व आसपास के क्षेत्रों में धूप खिलने से अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी आने से उमस बढ़ गई थी।

मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में अगले 3 घंटों के दौरान ऊना, कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर, मंडी, बिलासपुर में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश और कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर में एक दो स्थानों पर तेज बारिश होने की आशंका जताई है। वहीं हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर जिलों में बीते 2 घंटे से हल्की बारिश हुई है
प्रदेश में भूस्खलन से 246 सड़कें बंद, 198 बिजली ट्रांसफार्म ठप
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार सुबह तक राज्य भर में एक नेशनल हाइवे समेत 246 सड़कें बंद रहीं। इनमें मंडी जिला में सबसे ज्यादा 126 सड़कें बंद हैं। सोलन में 39, शिमला में 27, कांगड़ा में 14, बिलासपुर में चार , हमीरपुर व सिरमौर में तीन-तीन सड़कें बंद हैं।
इसके अलावा राज्य में 198 बिजली ट्रांसफार्मर और 170 पेयजल स्कीमें भी पूरी तरह ठप हैं। मंडी में 103, शिमला में 41, किन्नौर में 33, कुल्लू में 12, सोलन में पांच और कांगड़ा में चार ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली की आपूर्ति ठप है। मंडी जिला में पानी की 142, शिमला में 17, सोलन में आठ और हमीरपुर में तीन पेयजल स्कीमें प्रभावित हैं।
मानसून सीजन में 2457 मकान धराशायी, 379 लोगों की गई जान
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में मानसून ने भारी तबाही मचाई है। बीते 64 दिनों के दौरान मानसून सीजन में वर्षा से जुड़े हादसों में 379 लोगों की जान गई है और 38 लापता हैं। 352 लोग घायल हुए हैं। भूस्खलन व बाढ़ की चपेट में आने से 144 लोग मारे गए हैं। जबकि अन्य वर्षा जनित हादसों में 236 लोगों की मौत हुई। मानसून सीजन में 2457 मकान, 307 दुकानें और 5439 पशुशालाएं पूरी तरह धराशायी हूईं। जबकि 10569 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। बीते दो महीने में राज्य के 169 स्थानों पर भूस्खलन हुआ और 66 स्थानों पर बाढ़ आया। मानसून सीजन में प्रदेश के सरकारी विभागों को 8604 करोड़ का नुकसान आंका गया है।

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