कोलकाता। अभिव्यक्ति की आजादी के तहत यूट्यूब चैनल के जरिए जनता से जुड़े मुद्दों को उठा रहे पत्रकारों को फंसाने वाले पुलिस अधिकारी को कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक अनुकरणीय पाठ पढ़ाया है। उत्तर 24 परगना के संदेशखाली थाने के जांच अधिकारी को हाईकोर्ट के न्यायाधीश जय सेन गुप्ता ने गुरुवार को कटघरे में खड़ाकर संविधान के उस अनुच्छेद का जोर-जोर से पाठ करने को कहा, जिसमें अभिव्यक्ति की आजादी के प्रावधानों के तहत बोलने की आजादी दी गई है।
दरअसल एक यूट्यूबर ने अपनी एक रिपोर्ट में ‘जल्लाद’ शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसके आधार पर उसके खिलाफ दंगा भड़काने की कोशिश, मजहबी भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश और कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके खिलाफ उस पत्रकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिस पर गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि यह शब्द किसी भी तरह से असंवैधानिक अथवा हिंसा भड़काने वाला नहीं है। लोगों की आजादी पर इस तरह का कुठाराघात बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता के वकील को एफआईआर करने वाले अधिकारी के खिलाफ एफआईआर करने का निर्देश दिया। आगामी 13 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी। इसके साथ ही आगामी 20 सितंबर तक पीड़ित पत्रकार के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश पुलिस को दिया है।