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लूना-25 क्रैश: नहीं रुकेगा चांद पर पहुंचने का रूसी मिशन, निराश वैज्ञानिक की हालत बिगड़ी

by Madhurendra
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मॉस्को। चंद्रमा पर एक बार फिर पहुंचने के रूस के महत्वाकांक्षी मिशन की विफलता से रूसी वैज्ञानिक परेशान हैं। चंद्रमा की ओर जा रहे रूसी अंतरिक्ष यान लूना-25 के क्रैश होने के बाद रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने चांद पर पहुंचने के रूसी मिशन को नहीं रुकने देने का एलान किया है। वहीं, लूना-25 की विफलता से निराश एक रूसी वैज्ञानिक की हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।

रूसी अंतरिक्ष यान लूना-25 के क्रैश होने से रूस की चंद्रमा यात्रा के मिशन को बड़ा झटका लगा है। चांद पर रूस की पहुंचने की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। इसके बाद रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के प्रमुख यूरी बोरिसोव ने चंद्रमा पर पहुंचने की दौड़ में बने रहने की बात कही है। बोरिसोव का कहना है कि चांद पर पहुंचने के मिशन को किसी भी सूरत में रोका नहीं जाएगा। मिशन को रोकना सबसे खराब फैसला होगा।

अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने लूना-25 की विफलता का देश के लंबे समय तक इंतजार करने को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि करीब 50 सालों तक चांद पर पहुंचने के मिशन को रोकना लूना-25 की विफलता का मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि सन् 1960 और 1970 में हमारे वैज्ञानिकों ने गलती से जो भी सीखा था, वह मिशन के लंबे समय तक रुकने के कारण भूल गए। स्पष्ट है कि अगर पहले ही मिशन को इतने दशकों तक रोका नहीं जाता तो आज लूना-25 क्रैश नहीं होता। पहले के प्राप्त अनुभवों को काम में लाया जा सकता था।

लूना-25 क्रैश होने से रूस के वैज्ञानिक समुदाय को करारा झटका लगा है। 90 वर्षीय वैज्ञानिक मिखाइल मारोव तो लूना-25 के क्रैश होने की खबर बर्दाश्त नहीं कर सके। यह जानकारी आते ही उनकी हालत बिगड़ गयी। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिखाइल मारोव रूस के कई अंतरिक्ष मिशन में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने मून मिशन को रूस की बड़ी उम्मीद करार दिया था।

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