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उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज से

बोली सीएम योगी: सदन में सूखे और बाढ़ पर चर्चा के लिए सरकार तैयार, विपक्ष आरोप ना लगाए, सुझाव दे

by Sanjeev
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। सत्र शुरू होने से पहले ही मुख्यमंत्री और नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वह सदन में सूखे और बाढ़ पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं।
मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में सूखे और बाढ़ की स्थिति पर सदन में दो दिन चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष सूखे की समस्या पर आरोप-प्रत्यारोप की जगह समाधान के सुझाव दे। रविवार को विधानसभा में आयोजित सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री ने एनडीए के साथ विपक्षी दलों के नेताओं को विश्वास दिलाया कि मानसून सत्र में सरकार हर एक चर्चा में भाग लेगी। सदन के सदस्यों के सवालों का सकारात्मक जवाब देते हुए उनके सुझावों के अनुरूप समाधान निकालने का प्रयास भी करेगी।
विधानसभा के समिति कक्ष में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने बाढ़ और सूखे को प्रदेश की ज्वलंत समस्या बताते हुए कहा कि प्रदेश में 15 से 30 जून के बीच मानसून आता है। लेकिन इस वर्ष अगस्त के प्रथम सप्ताह में भी मानसून का अता पता नहीं हैं। 40 से अधिक जिलों में औसत से भी बहुत कम बरसात हुई है। वहीं प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश अधिक हुई है। बाढ़ से भी फसलों को नुकसान हुआ है। यदि साल के अलग-अलग महीनों में कुल में 300 एमएम वर्षा होती है तो उसका लाभ होता है। लेकिन 300 एमएम बरसात एक साथ हो जाए तो वह पानी बरसा और बह गया। उसका लाभ न किसानों को मिला न ही प्रदेश को। मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में बाढ़ और सूखे पर दो दिन चर्चा होनी चाहिए। चर्चा में आरोप प्रत्यारोप नहीं करें बल्कि सुझाव लेकर आएं कि इसका क्या समाधान हो सकता है। अमृत सरोवर, नहर के पानी, बिजली, वृक्षारोपण से क्या समाधान हो सकता है।
एक बार भी न बोलने वालों को मंगलवार को मिलेगा मौका
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि सदन के करीब 39 सदस्य एक बार भी नहीं बोले हैं। उन्होंने बताया कि इन सदस्यों को मंगलवार को सदन में बोलने का मौका मिलेगा। सभी सदस्यों को विधानसभा की ओर से फोन कर इस संबंध में सूचित भी किया है।
जो सदस्य नहीं बोलें है वह चर्चा करें
सीएम ने कहा कि सदन में जो सदस्य अभी तक एक बार भी नहीं बोले हैं, उन्हें बाढ़ और सूखे पर चर्चा में शामिल होने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सदस्यों को पांच-पांच मिनट का भाषण लिखकर भी दिया जा सकता है। यदि सदस्य शुद्ध हिन्दी नहीं बोल पा रहे हैं तो अवधी, भोजपुरी, ब्रज और बुंदेलखंडी में भी भाषण पढ़ सकते हैं।

सीएम ने कहा कि सूखा प्रभावित हो या बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, जनता जनप्रतिनिधि के घर का ही दरवाजा खटखटाती है। जनप्रतिनिधि जनता के सबसे नजदीक होता है इसलिए वह न फोन उठाने से इनकार कर सकता है न ही मिलने से इनकार कर सकता है। उन्होंने कहा कि विषय विधायक से जुड़ा हो या नहीं, रास्ता उसे ही निकालना है, यही जनविश्वास का प्रतीक है।
नियमावली आज पेश होगी
उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली 2023 सोमवार को पटल पर रखी जाएगी। सदन में बुधवार को नियमावली पर चर्चा होगी। बृहस्पतिवार को नियम 103 के तहत संकल्पों पर चर्चा होगी।
अतीक और अशरफ को दी जाएगी श्रद्धांजलि
विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में दिवंगत 10 पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इनमें प्रयागराज के पूर्व विधायक माफिया अतीक अहमद और उनके भाई पूर्व विधायक अशरफ को भी श्रद्धांजलि दी जाएगी। रविवार को अतीक और अशरफ के निधन पर शोक संदेश का मसौदा तैयार कर उसे नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के समक्ष भी पेश किया गया।

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