सीतापुर
सहारा प्रमुख सुब्रत राय और तीन अन्य लोगों को न्यायालय ने तलब किया है। सभी अभियुक्तों को 17 मई को न्यायालय में हाजिर होने का आदेश न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट-प्रथम काव्या श्रीवास्तव ने सुनाया है। यह आदेश वादी पवन कुमार जायसवाल के वाद की सुनवाई के बाद जारी किया गया है। वादी ने धनराशि वापस न करने पर वाद दायर किया है।
वादी पवन कुमार के मुताबिक उसने 18 जनवरी 2016 को यूनिवर्स मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड सहारा इंडिया कार्यालय आर्यनगर में चार बार में 2.17 लाख रुपये जमा कराए थे। वादी ने 59 हजार रुपये अपने बेटे के खाते में अनोखा योजना के तहत जमा किए थे। जमा धनराशि 18 मई 2021 में पूरी होनी थी। अवधि पूरी होने के बाद जब जमा धनराशि की दोगुनी रकम मांगी तो उसे पैसा नहीं दिया गया। कई बार दौड़ाया गया और अभद्रता भी की गई। अनोखा योजना के तहत रुपये जमा कराए गए। परिपक्वता का समय आया तो भुगतान नहीं किया गया।
पवन कुमार जायसवाल ने बताया कि उसे यह बताया गया कि पैसा लखनऊ से आएगा। इस संबंध में सुब्रत राय सहारा, अनिल तिवारी और ओपी श्रीवास्तव को नोटिस भी भिजवाया। फोन भी किए। न तो उसका पैसा आया और न ही नोटिस का जवाब मिला।
न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट-प्रथम की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि वादी के कथन और गवाहों के बयान से यह साबित हुआ कि प्रतिवादी सुब्रत राय सहारा, ओपी श्रीवास्तव, अनिल तिवारी और मनोज कुमार श्रीवास्तव की ओर से धोखाधड़ी का अपराध किया गया है। मामले के विचारण के लिए सभी अभियुक्त न्यायालय में तलब किए जाने योग्य हैं।