सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (स्नातक)-2024 से संबंधित एनटीए और अन्य तत्वों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है। यहां पर याचिकाओं में मांग की गई है कि इन मामलों को उच्च न्यायालय के समक्ष स्थानांतरित किया जाए।
उन्होंने इस बात की घोषणा की कि उन्होंने यह निर्णय लिया है कि इस बार काउंसलिंग प्रक्रिया को रोका नहीं जाएगा। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने अन्य याचिकाओं पर भी नोटिस जारी किया है, जिनमें नीट-यूजी 2024 को रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अनियमितताओं की जांच की मांग की गई है। इन याचिकाओं की सुनवाई के लिए 8 जुलाई को तिथि निर्धारित की गई है, जिसमें जस्टिस विक्रम नाथ और एसवीएन भट्टी की अवकाश पीठ निर्देशक होंगे।
मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए 20 छात्रों द्वारा दायर याचिकाओं में से एक में, सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए और अन्य संबंधित तत्वों से नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग की है। पिछले सप्ताह, शीर्ष अदालत ने अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया था कि परीक्षा की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। भले ही इसमें किसी की ओर से 0.001 प्रतिशत की लापरवाही हो, लेकिन इसे पूरी तरह से संबोधित करने की मांग की गई है।
इसके अतिरिक्त, एक याचिका में जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई थी, उस पर भी शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार और एनटीए से विशेष जवाब मांगा है। इस परीक्षा में भाग लेने वाले 24 लाख उम्मीदवारों को 5 मई को 4,750 केंद्रों पर बुलाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ अन्य छात्रों द्वारा दायर याचिकाओं पर भी केंद्र सरकार और NTA को नोटिस जारी किया है। इन छात्रों ने NEET-UG परीक्षा के मेघालय केंद्र में उपस्थित होने पर शिकायत की है, जिसमें उनके 45 मिनट बर्बाद हो गए थे और उन्हें 23 जून को फिर से परीक्षा देने का अवसर दिया गया है।