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सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा मंत्रिपरिषद के साथ की गई पर्यावरण संरक्षण संबंधी बैठक

by City Headline

मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिपरिषद के साथ बैठक की। बैठक शुरू होने से पहले मंत्रिपरिषद के सदस्यों से महत्वपूर्ण और प्राथमिक विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने आगामी कार्यक्रमों और अभियानों के संबंध में विवरण दिया। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के गायन के साथ प्रारंभ हुई।

सीएम चौहान ने अमरकंटक और नर्मदा उद्गम स्थल के निकट पर्यावरण संरक्षण संबंधी महत्वपूर्ण बैठक की जानकारी दी। गत 24 अप्रैल को भारत सरकार के मंत्रियों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया था। पर्यावरणविद और विचारक सुरेश सोनी जी विशेष रुप से बैठक में उपस्थित थे।उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 के पश्चात नर्मदा संरक्षण से जुड़े कार्यों की गति धीमी हो गई थी। इस बीच कोरोना के कारण भी मिशन के कार्यों की सीमा रही। अब यह तय किया गया है कि यहां कोई नया निर्माण कार्य नहीं होगा।

अमरकंटक सीमेंट कंक्रीट का जंगल न बने, ऐसी व्यवस्था की जाए। क्षेत्र का विकास किया जाए। मैकल पर्वत के नीचे ही निर्माण हो। पर्वतीय क्षेत्र में कोई निर्माण गतिविधियां न हों। होटल, रेस्टारेंट आदि भी और पर्वत के नीचे हो, जहां श्रद्धालु एवं पर्यटक रुक सकें। कुछ हमको कड़े फैसले करने पड़ेंगे। जैसे एक फैसला हमको करना पड़ेगा कि अमरकंटक में किसी भी कीमत पर नया निर्माण नहीं होगा। सीमेंट कंक्रीट का जंगल बनकर नर्मदा समाप्त हो जाएंगी।

आप कल्पना कर सकते हैं। संवैधानिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, कोई ऐसी चीज जिससे हम अमरकंटक को बचा सके। नहीं तो लोग आते जाते हैं और बसाहट जारी है। मैकल पर्वत के नीचे एक सैटेलाइट सिटी बनाएंगे। वहां लोग होटल, रेस्टोरेंट बनाएं। यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था करेंगे। होटल रेस्टोरेंट जो बनना होगा वह पर्वत के नीचे बनेगा। पर्वत से ऊपर हम अनुमति नहीं देंगे। नर्मदा रहेंगी तो ही मध्यप्रदेश रहेगा ये हम लोग समझ ले। नर्मदा के बिना हम मध्यप्रदेश की कल्पना नहीं कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने का कार्य शुरू हुआ है। आगामी माह में जिलों में जहां चिन्हित वन ग्राम राजस्व ग्राम में परिवर्तित हो रहे हैं, वहाँ सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन कर वन वासियों को इसकी जानकारी दी जाए। मंत्रीगण भी 1 सप्ताह की अवधि का कार्यक्रम बनाकर प्रत्येक दिन 5 से लेकर 7 ग्राम के राजस्व ग्राम में परिवर्तित होने के संबंध में स्थल पर जाकर कार्यक्रम में सम्मिलित हों। विशेष ग्राम सभाओं आयोजन कर इमारती लकड़ी और 20% लाभांश देने के निर्णय की जानकारी वन वासियों को प्रदान की जाए।

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