देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के पांच चरण पूरे हो चुके हैं। बाकी दो चरणों के लिए मतदान 25 मई और 1 जून को कराए जाएंगे। सातवें दौर के नामांकन की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। इस बीच, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने सातवें चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। इस चरण में कुल 904 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनके शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया है।
एडीआर ने जारी किए एक विश्लेषण में बताया है कि सातवें चरण में 904 उम्मीदवारों से 199 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 299 उम्मीदवार करोड़पति हैं। आइये जानते हैं कि एडीआर की रिपोर्ट में क्या-क्या है?
एडीआर ने सातवें चरण में उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामले दलवार आंकड़े जारी किए हैं।
टीएमसी के नौ में से सात, सपा के नौ में से सात, माकपा के आठ में से पांच, शिअद के 13 में से आठ, भाजपा के 51 में से 23, कांग्रेस के 31 में से 12, आप के 13 में से पांच, बीजद के छह में से दो, भाकपा के सात में से दो और 56 में से 13 में बसपा के उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है।
वहीं, सपा के नौ में से छह, माकपा के आठ में से चार, भाजपा के 51 में से 18, टीएमसी के नौ में से तीन (33 प्रतिशत), बीजद के छह में से दो, शिअद के 13 में से चार, आप के 13 में से चार, कांग्रेस के 31 में से सात, बसपा के 56 में से 10 और सात में से एक भाकपा के उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये हैं।