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शेख हसीना ने देश को अलविदा कह दिया, लेकिन बांग्लादेश में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। सोमवार को 135 लोगों की मौत हो गई और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर हो गई है।

by Nikhil

प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना भारत आ गईं और अब वे लंदन जाने की तैयारी में हैं। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद सोमवार को ढाका के गणभवन (पीएम आवास) में भारी संख्या में प्रदर्शनकारी घुस गए। उन्होंने पीएम आवास में जमकर उत्पात मचाया और कई सामान ले उड़े। हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बावजूद बांग्लादेश में हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को बांग्लादेश में देशभर में हुई पुलिस गोलीबारी, भीड़ की पिटाई और आगजनी की घटनाओं में कम से कम 135 लोगों की मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों और शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पें हुईं। पुलिस की गोलीबारी में 96 लोग मारे गए। ढाका के बाहरी इलाके सावर और धामराई में पुलिस और उपद्रवियों के बीच संघर्ष के दौरान 18 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा, पुलिस की आंसू गैस और गोलीबारी से 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय लोगों के हवाले से पता चला है कि गोलीबारी में कई पत्रकार भी घायल हुए हैं। सोमवार दोपहर राजधानी के उत्तरा इलाके में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए। ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सोमवार को सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक 37 शव पहुंचे।

अस्पताल में भर्ती घायल
इसके अतिरिक्त, तीन अज्ञात व्यक्तियों के गोलियों से छलनी शव भी अस्पताल में आए हैं, लेकिन उनकी गोलीबारी की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने बताया कि सोमवार को 500 लोगों को गोली लगने सहित विभिन्न चोटों के साथ लाया गया था, जिनमें से 70 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

आरक्षण समाप्त करने की मांग से हालात बिगड़े
शेख हसीना के खिलाफ बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। बांग्लादेश अब अस्थिर राजनीतिक स्थिति का सामना कर रहा है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण समाप्त करने की मांग को लेकर लाखों छात्र सड़कों पर उतर आए थे। रविवार को यह प्रदर्शन हिंसक हो गया और इसके परिणामस्वरूप सोमवार को शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा।

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