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शुगर मरीज भी खा सकते हैं चावल, ओडिशा की महिला उद्यमी ने पेश की विशेष किस्म

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भारत में चावल प्रमुख भोजन माना जाता है. यहां पर अधिकांश लोग चावल (Rice) खाना पसंद करते हैं. पर मधुमेह रोगियों को चावल खाने के लिए मना कर दिया जाता है. क्योंकि इससे मधुमेह रोगियों (Sugar Patients) को नुकसान हो सकता है. इसके कारण रोगी के परिवार चावल के विकल्प के तौर पर जौ और बाजरा जैसे स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों की तलाश में रहते हैं. पर ओडिशा की रहने वाली स्वस्ति मिश्रा ने जैविक (Organic) रुप से उगाई जाने वाली चावल की किस्म पेश की है. जो मधुमेह मधुमेह रोगियों के चावल खाने की ख्वाहिश को पूरा कर सकते हैं. यह एक ऐसा चावल होगा जिसे मधुमेह रोगी स्वस्थ भोजन के तौर पर खा पाएंगे.

स्वस्ति मिश्रा ने इस चावल की खोज करने के बाद अपना एग्रीटेक फर्म (Agritech Firm) शुरू किया है. जिसके जरिए जो चावल सिर्फ उन्हें मिल पाता है जो इस फर्म के सदस्य है. फिलहाल पूरे भारत में एग्रीटेक फर्म 100 से अधिक किसान जुड़े हुए हैं और 1000 किलो चावल की बिक्री होती है. योरस्टोरी के मुताबिक दरअसल जब स्वस्ति मिश्रा को पता चला कि उनकी सास को शुगर हो गया है और डॉक्टर ने उन्हें चावल से दूर रहने की सलाह दी है. तब वो थोड़ी परेशान हुई. साथ ही उन्होंने यह भी नोट किया कि उनकी सास ठीक से खाना नहीं खा पा रही थी.

मधुमेह रोगी कर सकते हैं इस चावल का सेवन

इसके बाद उन्होंने इस पर शोध करना शुरू किया. तब उन्होंने पाया कि भारत में दो प्रकार के चावल उपलब्ध हैं. वो चावल बिना उर्वरक के जैविक रुप से उगाया जाता है. दूसरा चावल मुख्य रुप से व्यावसायिक उद्देश्यों को लिए उगाया जाता है. किसान इसे बेचकर पैसे कमाते हैं. उन्होंने बताया कि जो तावल वो दुकानों से खरीदती थी उनकी गुणवत्ता अच्छी नहीं रहती थी. वह पूरी तरह से पॉलिश किए रहते थे. जिनमें स्टार्च और चीनी काी मात्रा में होती थी. इसके बाद उन्हें किसानों के एक समूह से जैविक चावल मिलना शुरू हुआ. जिसका सेवन उनकी सास एक निश्चित मात्रा में नियमित तौर पर कर रही है, पर ग्लूकोज की मात्रा सामान्य है.

माई फार्म के नाम से शुरू किया स्टार्टअप

स्वस्ति मिश्रा ने कुछ सालों तक तो किसानों से चावल खरीदा, उसके बाद उन्होंने खुद से धान की खेती को समझना शुरू किया. धान की खेती की समझ होने के बाद उन्होंने अप्रैल 2021 में उन्होंने माई फार्म लॉन्च किया. यह ओडिशा स्थित एक एग्रीटेक स्टार्टअप जिसके जरिए शहरी उपभोक्ताओं को शुगर फ्री चावल मिलता है. उनका कहना है कि यह चावल न केवल मधुमेह रोगियों की मदद करने के लिए है, बल्कि उनके लिए भी बेहतर है जो परिवार के लिए स्वस्थ आहार की तलाश करते हैं.

एमबीए स्नातक है सवस्ती मिश्रा

भुवनेश्वर में रीजनल कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की स्नातक स्वस्ती ने हैदराबाद में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास में काम किया, जहां वह आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसी कॉर्पोरेट कंपनियों में एक दशक से अधिक के कार्यकाल के अलावा लघु और मध्यम महिला उद्यमिता कार्यक्रम का नेतृत्व कर रही थीं. उन्होंने द इंडस एंटरप्रेन्योर्स (टीआईई) भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम किया है , जो संगठन की रणनीतियों और विकास योजनाओं को तैयार करता है.

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