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लेबर कोड पर 90 फीसदी राज्यों ने तैयार किए ड्राफ्ट रूल्स, हफ्ते में सिर्फ 4 दिन जाना होगा ऑफिस

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देश में चार नए लेबर कोड (NewLabour codes) जल्द अमल में आएंगे. इसकी तैयारियों पूरी हो गई है और इसे जल्द ही लागू किया जा सकता है. केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि चार लेबर कोड्स सहिताओं को लेकर 90 फीसदी राज्यों ने नियमों का मसौदा तैयार कर लिया है और इन्हें जल्द लागू किया जाएगा. 90 फीसदी राज्यों ने श्रम सहिताओं को लेकर पहले से ही नियमों का मसौदा जारी कर दिया है।. इन चार श्रम संहिताओं को जल्द लागू किया जाएगा. यह नया कानून दरअसल लेबर सेक्टर में काम करने के बदलते तरीकों और न्यूनतम वेतन (Salary) की आवश्यकता को समायोजित करने के लिए है. इनमें असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों समेत स्वरोजगार में लगे लोगों और प्रवासी मजदूरों का भी ख्याल रखा गया है. सरकार के अनुमान के मुताबिक, देश में असंगठित क्षेत्र के करीब 38 करोड़ कामगार हैं.

केंद्र सरकार ने श्रम कानून की चारों कोड्स के लिए नियमों का मसौदा पहले से ही जारी कर दिया है और अब राज्यों को अपनी तरफ से नियमों को तैयार करना है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार देश में पूरे कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए काम कर रही है और इसीलिए ई-श्रम पोर्टल (e-Shram Portal) या असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाया जा रहा है.

ये चार लेबर कोड्स हुए नोटिफाई

केंद्र सरकार ने चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित किया है. 8 अगस्त, 2019 को वेज कोड, 2019 और इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड 2020 और 29 सितंबर 2020 को सोशल सिक्योरिटी कोड, 2020 व ऑक्युपेशनल सेफी, हेल्थ एंड वर्किंग कोड 2020 को नोटिफाई किया.

सैलरी होगी कम, पीएफ में बढ़ेगा कंट्रिब्यूशन

नए वेज कोड के मुताबिक अलाउंस को 50 परसेंट तक फिक्स कर दिया जाएगा. इसका मतलब हुआ कर्मचारी को मिलने वाली कुल सैलरी में आधी बेसिक होगी. बेसिक सैलरी के आधार पर ही प्रोविडेंट फंड का पैसा जमा करना होगा. नए लेबर कोड में सैलरी कम हो सकती है. मगर प्रोविडेंट फंड का दायरा बढ़ जाएगा और कंपनियों को कर्मचारियों के पीएफ में ज्यादा पैसा जोड़ना होगा.

5 घंटा काम करने पर आधा घंटा आराम का प्रावधान

सरकार द्वारा तैयार नए श्रम कानून कोडके ड्राफ्ट में कर्मचारियों के काम करने के घंटे को 9 बढ़ाकर 12 घंटे किया गया है. हालांकि ड्राफ्ट में कर्मचारियों से हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जाएगा. 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है. मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है.

ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है. कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं.

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