राज्यपाल ने इस अवसर पर सभी अधिकारियों से उनका परिचय लिया तथा उनके क्षेत्र एवं कार्यानुभवों को जाना। उन्होंने कहा की संवेदनशीलता के साथ कार्य करें तथा जनपदों में जनता सुनवाई के दौरान समस्याओं को सुनने के बाद उसका त्वरित एवं पूर्ण निस्तारण किया जाए। राज्यपाल ने सलाह देते हुए कहा कि नियमों की गलत व्याख्या ना करें तथा आपसी सामंजस्य एवं जन सहयोग की भावना से कार्य करें। उन्होंने गुजरात के अपने कार्यानुभवों को साझा करते हुए कहा कि जिम्मेदारी पूर्वक सौपे गए कार्यों को ससमय पूर्ण करें। कार्य के दौरान आने वाली समस्याएं एवं उसके निस्तारण का प्रयास करें। उन्होंने कई वर्षों से लंबित पड़े मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए प्रयास किए जाने को निर्देशित किया।
राज्यपाल ने कहा कि अपने कार्यों से समाज में अमिट छाप छोड़ें। सप्ताह के दिनों को अलग-अलग कार्यो के लिए निर्धारित करके कार्य करें। जनपद के विभिन्न ग्राम पंचायतों के लंबित कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर सूची तैयार कर उसके निस्तारण के लिए निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि अच्छे अफसर के गुण होते हैं- ध्यान से सुनना, महिलाओं के साथ नैतिकता का व्यवहार, वृद्धजनों के प्रति संवेदनशीलता तथा मानवता के मूल्य को जीवन में आत्मसात करना। कार्य करने की सोच होनी चाहिए। अच्छे कार्यों की चर्चा हर जगह होती है, इसलिए अच्छा कार्य करना चाहिए और उसमें आनंद का अनुभव भी करना चाहिए। यह एक सकारात्मक सोच है। उन्होंने कहा की कार्यशैली अफसर की तरह नहीं जनता की तरह होनी चाहिए।
READ ALSO: तृणमूल नेताओं ने दी भाजपा विधायक का हाथ पैर तोड़ने की धमकी, विधायक ने कहा दम है तो करके दिखाएं