रेस्तरां (Restaurant) में खाना खाने के बाद टिप (Tip) देने का ट्रेंड लम्बे समय से रहा है. इसकी शुरुआत अंग्रेजों (Britishers) के दौर से हुई, लेकिन ऐसा करने की वजह दिलचस्प रही है. ज्यादातर लोगों का मानना है कि रेस्तरां में खाना खाने के बाद ग्राहक सर्विस से खुश होकर वेटर को कुछ पैसे देते हैं, लेकिन यह टिप की शुरुआत का किस्सा नहीं है. 16वीं शताब्दी में जब टिप देने की शुरुआत हुई तो इसकी वजह कुछ और थी. अब डिजिटल पेमेंट के दौर में वेटर को टिप देने का ट्रेंड भले ही घट रहा हो, लेकिन सर्विस चार्ज के रूप में रेस्तरां ग्राहकों से अतिरिक्त राशि जरूर वसूल कर रहे हैं.
रेस्तरां में वेटर को टिप देने की शुरुआत कैसे हुई, इससे जुड़े दिलचस्प किस्से क्या हैं, इसका पूरा नाम क्या है? जानिए इन सवालों के जवाब…
जल्दी शराब मंगाने के लिए टिप का ट्रेंड शुरू हुआ
माना जाता है कि टिप देने की सही मायने में शुरुआत 17 वीं शताब्दी में इंग्लैंड से हुई. यह एक ऐसा दौर था जब क्लब में शराब पीने वालों की भीड़ जुटती थी. उस दौर में शराब पीने वाले लोग वेटर को टिप के तौर पर पैसे देते हैं. पैसे इसलिए नहीं दिए जाते थे कि उनकी सर्विस पसंद आती थी, बल्कि ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि दोबारा वेटर उन्हें शराब जल्दी लाकर दे. 1890 तक अमेरिका में टिप देने का ट्रेंड शुरू हुआ.
झूठे दिखावे ने टिप का ट्रेंड बढ़ाया
फूडवूल्फ वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में इसकी शुरुआत सिविल वार के बाद साल 1800 के अंतिम दौर में हुई. कॉर्नेल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ होटल एडमिनिस्ट्रेशन के प्रोफेसर माइकल लिन का कहना है, उस दौर में जब धनवान और समृद्ध अमेरिकी यूरोप घूमने जाते थे तो उन पर वहां के रॉयल कल्चर का असर पड़ा. अमेरिका के लोगों ने दिखावा करने, खुद को पढ़ा-लिखा दर्शाने और हाई क्लास बताने के लिए टिप का कल्चर शुरू किया. आसान भाषा में समझें तो टिप की शुरुआत झूठे दिखावे के तौर पर हुई.
इसे खत्म करने की कोशिश भी की गई
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि इस परंपरा को कभी खत्म करने की कोशिश नहीं की गई. 1764 ई. में ब्रिटेन में इसे खत्म करने की कोशिश की गई. लंदन में काफी हो-हल्ला मचा. पूरा मामला अखबार की सुर्खियांं भी बना. कहा गया कि वेटर को टिप देना गुलामी को दर्शाता है.
अब समझते हैं इसका पूरा नाम क्या है?
ज्यादातर लोगों को लगता है टिप (TIP) अपने आप में एक पूरा शब्द है, जबकि ऐसा नहीं है. इसका अपना एक फुल फॉर्म है. ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के मुताबिक, टिप शब्द का प्रयोग सबसे पहले 1706 में किया गया. स्क्रैबल एक्सपर्ट जेफ कास्टनर के मुताबिक, सही मायने में इसे टिप्स कहते हैं. इसका नाम है ‘To Insure Promptitude Services’ यानी टिन देने वाले को जल्दी और बेहतर सर्विस दी जाएगी.