इस बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय, कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना हिस्सा लेंगी। वह दिल्ली रवाना हो गए हैं। उत्तर प्रदेश की सियासत में अमेठी और रायबरेली सीट सुर्खियों में है। इन दोनों सीटों पर शनिवार को दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में चर्चा होगी। उम्मीद है कि दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग जाएगी। दूसरी तरफ रायबरेली और अमेठी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने बूथ स्तर पर तैयारी पूरी कर ली है। वे बस प्रत्याशियों का इंतजार कर रहे हैं।ई आधिकारिक घोषणा नहीं”
“कांग्रेस की बैठक: राहुल-प्रियंका के चुनावी प्रस्ताव पर चर्चा”
“चुनावी सरगर्मी: राहुल और प्रियंका की उम्मीदवारी का इंतजार कांग्रेस में”
“कांग्रेस की बैठक: दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष तथा प्रभारी की उम्मीदवारों की तैयारी पर चर्चा”
“उम्मीदवारों की मुहर: कांग्रेस की बैठक में रायबरेली और अमेठी के चुनावी प्रस्ताव पर चर्चा”
“कांग्रेस की दिल्ली मीटिंग: रायबरेली और अमेठी से उम्मीदवारों की नामांकन मुहर के लिए”
“कार्यकर्ताओं ने बूथ स्तर पर की तैयारियों की विशाल धारणा”
“मीडिया समन्वयक की रिपोर्ट: लोकसभा क्षेत्र में बूथों की तैयारी पूरी”
“चुनावी मैदान में कांग्रेस के लिए जनता की मांग: राहुल गांधी की अपेक्षा”
अमेठी और रायबरेली की सियासी नब्ज पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राज खन्ना कहते हैं कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के यूपी से चुनाव लड़ने का पार्टी को दीर्घ कालीन फायदा मिलेगा। यदि वे यहां से जुड़ाव स्थापित करने में सफल होते हैं तो अन्य लोकसभा क्षेत्रों में बेहतर माहौल बनेगा। साथ ही 2027 के चुनाव के लिए नए सिरे से सियासी समीकरण बनेगा। इतना जरूर है कि राहुल गांधी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि अब सियासत बदल गई है। सिर्फ हाथ हिलाने और चमकदार चेहरे के दाम पर चुनाव नहीं जीता जा सकता है, बल्कि वोटरों के बीच पैठ बढ़ानी होगी। वहीं वरिष्ठ पत्रकार संतोष यादव कहते हैं कि पिछली बार अमेठी से राहुल गांधी के हारने की बड़ी वजह जनता से दूरी थी। इस बार देखा जाए तो राहुल गांधी के लिए वायनाड भी अनुकूल नहीं है। वहां कम्युनिस्ट पार्टी ने भी उनको घेर रखा है। इस स्थिति में राहुल गांधी फिर से यूपी लौट सकते हैं। अमेठी और रायबरेली में नामांकन तीन मई को है। इस बात की भी संभावना है कि राहुल गांधी रायबरेली से उम्मीदवार हो जाएं। क्योंकि अमेठी की अपेक्षा रायबरेली राहुल गांधी के लिए ज्यादा सुरक्षित है।