भारत दौरे पर आईं यूरोपीय कमीशन (European Commission) की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन (Ursula Von Der Leyen) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ बैठक करने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) से भी मुलाकात की है. इस दौरान दोनों के बीच भारत और यूरोपीय संघ की साझेदारी पर चर्चा हुई. दोनों में राजनीतिक, रणनीतिक, व्यापार, अर्थव्यवस्था, जलवायु और डिजिटल कनेक्टिविटी को लेकर चर्चा हुई है. इस बैठक के बाद यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने रायसीना डायलॉग में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया.
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन ने बैठक के बाद कहा, ‘प्रेसिडेंट कोविंद, भारत और यूरोपीय आयोग के बीच मजबूत साझेदारी के काफी अधिक अवसर हैं. यूरोपी और हिंद प्रशांत क्षेत्र में मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में लोकतंत्रों को मिलकर काम करना होगा. हम क्लाइमेट न्यूट्रल और बेहतर भविष्य के लिए आगे बढ़ेंगे.’
सुबह पीएम मोदी से की थी मुलाकात
इससे पहले यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष ने सोमवार को सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में व्यापार, तकनीक और सुरक्षा समेत कुछ अन्य अहम मसलों पर चर्चा हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने तेजी से बदलते भू राजनीतिक स्थिति के परिप्रेक्ष्य में विश्वसनीय प्रौद्योगिकी और सुरक्षा सुनिश्चित करने संबंधी चुनौतियों के समाधान के लिए यूरोपीय संघ-भारत व्यापार और प्रौद्योगिक परिषद की शुरुआत किए जाने को लेकर सोमवार को सहमति जताई.
चुनौतियों से निपटने में मिलेगी मजबूती
यह निर्णय मोदी और वॉन डेर लेयेन के बीच हुई वार्ता में लिया गया गया. ईयू ने इस दौरान कहा कि सामरिक सहयोग तंत्र से दोनों साझेदारों को व्यापार के गठजोड़, विश्वसनीय प्रौद्योगिकी और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का मुकाबला करने की मजबूती मिलेगी और साथ ही इन क्षेत्रों में दोनों पक्षों में सहयोग भी गहरा होगा.
सामरिक सहयोग की जरूरत
ईयू ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि तेजी से बदलते भू-राजनीतिक माहौल के मद्देनजर संयुक्त और विस्तृत सामरिक सहयोग की आवश्यकता है. ईयू ने एक बयान में कहा, व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद राजनीतिक मार्ग के साथ ही राजनीतिक फैसलों के क्रियान्वयन के लिए एक आवश्यक प्रारूप प्रदान करेगा. यह तकनीकी काम में सहयोग करेगा तथा यूरोपीय और भारतीय अर्थव्यवस्थाओं की टिकाऊ प्रगति के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में क्रियान्वयन और प्रगति सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक स्तर पर रिपोर्ट करेगा.’
ईयू ने कहा कि ईयू और भारत के साझा मूल्य और साझा हित आपसी लाभप्रद और प्रगाढ़ सामरिक सहयोग का एक मजबूत आधार है. उसने कहा, यूरोपीय संघ और भारत दशकों पुरानी निकट साझेदारी से बंधे हैं और मौजूदा चुनौतियों से निपटने और भू-राजनीतिक स्थितियों का समाधान निकालने के लिए संयुक्त प्रयासों को बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.