वैश्विक भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक चुनौतियों पर विचारों के आदान प्रदान के प्रमुख मंच रायसीना डायलॉग (Raisina Dialogue) का सातवां संस्करण सोमवार यानी 25 अप्रैल से शुरू हुआ. ये कार्यक्रम 27 अप्रैल तक चलने वाला है. इसमें हिस्सा लेने के लिए दुनियाभर के कई देशों से प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं. यूरोप के तीन देशों लिथुआनिया, लक्जमबर्ग और पुर्तगाल के विदेश मंत्री भारत पहुंच चुके हैं. विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इस सम्मेलन का उद्घाटन किया था. इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर यूरोपियन कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन हिस्सा ले रही हैं.
वहीं, विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया, ‘लिथुआनियाई विदेश मंत्री गेब्रियलियस लैंड्सबर्गिस अपनी पहली भारत यात्रा पर हैं. हम बाल्टिक में एक महत्वपूर्ण भागीदार लिथुआनिया के साथ अपने संबंधों का विस्तार करने की आशा करते हैं.’ एक अन्य ट्वीट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘लक्जमबर्ग के विदेश मंत्री जीन एस्सेलबोर्न का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं. यह यात्रा हमारे द्विपक्षीय सहयोग को और प्रगाढ़ करेगी.’ वहीं, उन्होंने पुर्तगाल के विदेश मंत्री का भी स्वागत किया. बागची ने ट्वीट किया, ‘पुर्तगाल के विदेश मंत्री जोआओ क्राविन्हो का भारत में स्वागत करते हुए खुशी हो रही है. यह यात्रा हमारे संबंधों का विस्तार करने का एक नया अवसर है.’
रूस-यूक्रेन युद्ध पर पूछा सवाल तो मिला ये जवाब
वहीं, रायसीना डायलॉग में हिस्सा लेने आए लक्जमबर्ग के विदेश मंत्री ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से सवाल किया, कुछ दिन पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत आए थे. क्या उन्होंने बताया कि रूस ने यूक्रेन पर क्यों किया हमला? इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, रूस के विदेश मंत्री ही बता सकते हैं कि रूस ने ऐसा कदम क्यों उठाया. मैं केवल ये बता सकता हूं कि भारत का इस मामले पर क्या रुख रहा है. उन्होंने आगे कहा, जहां तक हमारी बातचीत का सवाल है तो रूस हमसे जितना संपर्क में है. उससे बहुत ज्यादा रूस यूरोपीय देशों के साथ बात करता है, इसलिए आप लोगों को हमसे ज्यादा पता होगा.
यूक्रेन में जो हो रहा है उसका हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर होगा: वॉन डेर लेयेन
दूसरी ओर, रायसीना डायलॉग में बोलते हुए यूरोपियन कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यूरोप यह सुनिश्चित करेगा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस का अकारण और अनुचित हमला एक रणनीतिक विफलता साबित हो. लेयेन ने साथ ही कहा कि इस संकट का प्रभाव हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर महसूस होना शुरू हो गया है. रायसीना डायलॉग में अपने संबोधन में लेयेन ने रूस और चीन के बीच कथित अनियंत्रित समझौते पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों द्वारा फरवरी में बिना सीमा वाली मित्रता की घोषणा के तत्काल बाद यूक्रेन पर आक्रमण किया गया. लेयेन ने कहा कि दोनों ने घोषणा की थी कि उनके बीच सहयोग का कोई निषिद्ध क्षेत्र नहीं होगा.
क्या है रायसीना डायलॉग
बता दें कि रायसीना डायलॉग के छह स्तंभ हैं, जिनमें लोकतंत्र पर पुनर्विचार के अलावा कारोबार, टेक्नोलॉजी एवं विचारधारा, हिन्द प्रशांत में अशांत समय, हरित बदलाव हासिल करना, जल समूह आदि शामिल हैं. सम्मेलन में स्वीडन के पूर्व प्रधानमंत्री कार्ल बिल्ट, कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर, आस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री एंथनी एबॉट, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद हिस्सा ले रहे हैं. इसके अलावा अर्जेंटीना, आर्मेनिया, गुयाना, नार्वे, लिथुवानिया, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल आदि देशों के विदेश मंत्री भी इसका हिस्सा बन रहे हैं.
रायसीना डायलॉग का प्रारंभ साल 2016 में किया गया था. रायसीना डायलॉग वार्षिक सम्मेलन है, जिसमें भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की जाती है. इसका आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है. रायसीना में विभिन्न देशों के विदेश, रक्षा और वित्त मंत्रियों को शामिल किया जाता है.