राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 से पहले बीजेपी में जमकर गुटबाजी देखने को मिल रही है. पूनिया और राजे खेमे के बीच चुनावों से पहले वर्चस्व की होड़ मची हुई है. इसी बीच बुधवार को जयपुर से वसुंधरा राजे (vasundhara raje) खेमे के लिए एक बुरी खबर सामने आई. जहां एक-एक करके वसुंधरा समर्थकों को साइडलाइन करने की कवायदें चल रही है उसी कड़ी में अब वसुंधरा समर्थक युनूस खान की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (satish poonia) ने कांग्रेस नेता श्याम प्रताप सिंह रूवा की बीजेपी में एंट्री करवाकर युनूस खान (yunus khan) के लिए समस्या खड़ी कर दी है. बता दें कि नागौर जिले से आने वाले कांग्रेस नेता और पीसीसी सदस्य प्रवक्ता श्याम प्रताप रूवा ने बुधवार को बीजेपी (rajasthan bjp) का दामन थाम लिया जहां प्रदेश कार्यालय में श्याम प्रताप को बीजेपी की सदस्यता दिलवाई गई. वहीं रूवा के बीजेपी में आने के बाद यह माना जा रहा है कि नागौर जिले की डीडवाना विधानसभा सीट से दो बार के विधायक और वसुंधरा राजे सरकार के दोनों कार्यकाल में मंत्री रहे युनूस खान के टिकट पर एक बार फिर ग्रहण लग सकता है.
मालूम हो कि इससे पहले राजे के करीबी रहे पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को पार्टी से निष्कासित किया गया था जिसके बाद भी सियासी गलियारों में राजे को साइडलाइन करने की चर्चाओं ने तूल पकड़ा था. अलवर की थानागाजी विधानसभा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके रोहिताश्व शर्मा को पीएम मोदी पर कमेंट करने के बाद 27 जुलाई 2021 को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.
बसपा और कांग्रेस से बीजेपी में श्यामप्रताप
श्याम प्रताप रूवा इससे पहले बसपा में भी रहे हैं और बसपा के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी. राजनीतिक पारी की बात करें तो श्याम प्रताप रूवां दो बार सरपंच रह चुके हैं वहीं एक बार वह डीडवाना से पंचायत समिति सदस्य का चुनाव भी जीत चुके हैं.
इससे पहले श्याम प्रताप दोनों ही बार बसपा के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे थे. 2008 में उन्हें 17 हजार वोट मिले थे. वहीं 2013 के चुनावों में उनके खाते में 20 हजार वोट आए थे. हालांकि 2018 के चुनाव से पहले वो कांग्रेस में चले गए. रूवा को सचिन पायलट का करीबी भी माना जाता था.
युनूस खान की राहें मुश्किल !
वहीं नागौर जिले की डीडवाना विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे युनूस खान पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं. युनूस खान वसुंधरा राजे सरकार के पिछले दो कार्यकालों में मंत्री भी रहे हैं. हालांकि साल 2018 के चुनाव में युनूस खान ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के खिलाफ टोंक से चुनाव लड़ा था और हार का सामना करना पड़ा था.
वहीं पिछली बार डीडवाना से बीजेपी प्रत्याशी भी चुनाव नहीं जीत पाए थे. लेकिन अब डीडवाना से दो बार निर्दलीय लड़ने वाले श्याम प्रताप के बीजेपी में शामिल होने से सियासी अटकलों का बाजर गर्म हो गया है.