रांची, झारखंड की राजधानी, में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन ने रविवार को अपनी शक्ति प्रदर्शित की। इस रैली में तमाम विपक्षी दलों के नेता भाग लिए। आम आदमी पार्टी की नेता सुनीता केजरीवाल ने रैली में संबोधन किया और कहा कि उनके पति और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सत्ता की कोई लालच नहीं था, वे सिर्फ देश की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति बहुत गंदी चीज है, और उनके हर कदम पर नजर है। वे शुगर के मरीज हैं और पिछले 12 सालों से हर दिन 50 यूनिट इंसुलिन लेते हैं, लेकिन जेल में इंसुलिन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली के सीएम को मारने की साजिश है, लेकिन वे बहुत बहादुर हैं और शेर की तरह हैं। उन्हें जेल में भी ‘भारत माता’ की चिंता है।
झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा आयोजित रैली में जेएमएम नेता कल्पना सोरेन ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने रैली के मंच से साक्षात्कार करते हुए उन्होंने हेमंत सोरेन द्वारा जेल से भेजे गए पत्र को पढ़ा। उन्होंने कहा कि वे अब झारखंड उलगुलान रैली में उपस्थित नहीं होंगी। वह बताती हैं कि पिछले चार सालों से उन्हें विवादास्पद मुद्दों में फंसाया गया है और आखिरकार बिना किसी साबिती के उन पर बेबुनियाद आरोप लगाया गया है। उनके अनुसार, वह अब लगभग ढाई महीने से बिरसा मुख्यालय जेल में बंद हैं। इसी तरह, उन्होंने दिल्ली के आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी उनके सहयोगियों के साथ तिहाड़ जेल में बंद होते हुए देखा है।
कल्पना सोरेन ने हेमंत सोरेन के पत्र के माध्यम से कहा कि यह आजादी के बाद पहली बार हुआ है जब किसी पार्टी के नेता, मुख्यमंत्री, और मंत्रियों को चुनाव के ठीक पहले संयोजित तरीके से बेमुनियाद और आरोपी साबित करके जेल में डाला गया है। खैर, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि वे लोकतंत्र की रक्षा और हक अधिकार की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए जेल में होते हुए भी उत्साहित महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में वे अकेले नहीं हैं, बल्कि विभिन्न राज्यों के नेताओं के साथ मिलकर आगे बढ़ रहे हैं।
‘उलगुलान न्याय महारैली’ में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “… जब से इन्होंने आपके(झारखंड) मुख्यमंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री को जेल भेजा है, वे चुनाव हार चुके हैं… मैदान में जब पहलवान हारने लगता है, तब कई तरह के हथकंडे अपनाता है… भाजपा यह न भूले कि शेर को गिरफ़्तार किया है, लेकिन उनकी दहाड़ को गिरफ़्तार नहीं कर पाए हैं…”