एक ओर कई राज्यों में लाउडस्पीकर से अजान और हनुमान चालीसा को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जिस तरह से पूरे मसले को संभाला वह काबिले तारीफ है। उत्तर प्रदेश में आपसी सहमति से न केवल अवैध तरीके से धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर को उतारा गया और आवाज को कम किया गया वह अन्य राज्यों के लिए मिसाल है।
इतना ही नहीं जब अन्य राज्यों में पर्व और त्योहारों पर दो समुदायों में झड़पों की ख़बरें आ रही थीं। वहीं यूपी में आपसी सौहार्द का माहौल देखने को मिला। सीएम योगी आदित्यनाथ की अपील का न केवल हर धर्म के लोगों ने अनुपालन किया, बल्कि पुलिस की सतर्कता भी सराहनीय रही। हनुमान जयंती पर दिल्ली के जहांगीरपुरा में हिंसा हुई, लेकिन यूपी में लोगों ने धार्मिक जुलूस पर पुष्प वर्षा कर भाईचारे का सन्देश दिया।
साथ ही ये योगी आदित्यनाथ की अपील का ही असर था कि अलविदा जुमे और ईद की नमाज सड़कों पर नहीं पढ़ी गई। ईद के साथ ही शांति से अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती भी मनाई गई। जहां एक ओर पड़ोसी राज्य राजस्थान के जोधपुर में दो समुदायों के बीच झड़प हो गई वहीं यूपी के रामपुर में नमाजियों पर पुष्पवर्षा हुई। ईद का पर्व शांति से संपन्न होने पर पुलिस ने भी अहम भूमिका निभाई।
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रदेश में ईद की नमाज शांतिपूर्वक संपन्न हुई। किसी भी तरह की हिंसा या बवाल की ख़बरें नहीं हैं। संभल में जो घटना हुई वह आपसी रंजिश का मामला था और दोनों ही गुट एक ही समुदाय के थे। इस मामले में भी कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से शांतिपूर्वक लाउडस्पीकर हटाए गए, सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ी गई, यूपी की कानून व्यवस्था का ये मॉडल अध्ययन का विषय है।
उधर तीन दिवसीय उत्तराखंड के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यूपी के कानून व्यवस्था की चर्चा की। उन्होंने कहा कि यूपी से गुंडागर्दी खत्म हो चुकी है। आस्था के नाम पर खेल नहीं होने दिया जाएगा। इस बार नमाज सड़कों पर नहीं पढ़ी गई। एक लाख से ज्यादा लाउडस्पीकर हटवाए गए।