प्रदेश में मौसम में आई नरमी की वजह से बिजली की मांग ठहर गई है। बृहस्पतिवार को पीक ऑवर में बढोतरी नहीं हुई। इस बीच ओबरा और ऊंचाहार की उत्पादन इकाइयों में शुक्रवार को फिर से बिजली उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है, जबकि ललितपुर की इकाई 25 के बाद शुरू होगी।
प्रदेश में बिजली की मांग करीब 28 हजार मेगावाट चल रही है। 18 से 22 मई के बीच चार यूनिटों से बिजली उत्पादन ठप हो गया, जिसमें 22 मई की सुबह रोजा की 300 मेगावाट की यूनिट चालू हो गई है। ओबरा की 200 मेगावाट और ऊंचाहार की 210 मेगावाट की यूनिट शुक्रवार तक शुरू होने क उम्मीद है। यहां अभियंताओं की टीम लगी हुई है। ब्लॉयलर को ठंडा कर लिया गया है। ललितपुर की 660 मेगावाट की इकाई 25 मई के बाद शुरू होने की उम्मीद है।
उपभोक्ताओं को चिढ़ा रहा 24 घंटे बिजली का दावा
प्रदेश में बिजली आपूर्ति व्यवस्था पर उपभोक्ता परिषद ने सवाल उठाया है। आरोप है कि 24 घंटे आपूर्ति का दावा किया जाता है, लेकिन उपभोक्ताओं को 15 से 20 घंटे ही बिजली मिल रही है। ग्रामीण इलाके का बुरा हाल है। लोकल फाल्ट के नाम पर उपभोक्ताओं को चिढाया जा रहा है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने जारी बयान में कहा कि प्रदेश के हर हिस्से से उपभोक्ता बिजली कटौती की शिकायत कर रहे हैं। वे रात की कटौती से परेशान हैं। इसके बाद भी यूपीएसएलडीसी अपनी रिपोर्ट में हेरफेर कर रहा है। जितनी बिजली की उपलब्धता रहती है, उतनी ही पीक डिमांड बताई जा रही है। यूपीएसएलडीसी को यह बताना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में अधिकतम डिमांड कितनी जा रही है और प्रदेश में बिजली की अधिकतम उपलब्धता कितनी है? इसके बाद जो अंतर सामने आएगा वह बिजली कटौती के रूप में आम जनता देखेगी, लेकिन यह नहीं बताया जा रहा है।