नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि वे लोकसभा चुनाव में पार्टी के दुखद प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए हार के कारण बताए। सूत्रों के मुताबिक, इसकी जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद उन्होंने दी। अब पार्टी के नेता जो भी निर्णय लेंगे, उसी के अनुसार भूपेंद्र चौधरी अपने कार्य को आगे बढ़ाएंगे।
हार की मुख्य वजह:
– संविधान में संशोधन की बात, आरक्षण को खत्म करने का विचार
– अधिकारियों की स्वेच्छापूर्णता
– जनप्रतिनिधियों के मामले में सुनवाई की कमी
– संविदा आधारित भर्तियों में आरक्षण के विरोध से उत्पन्न असंतोष
– मतदाता सूची से नाम हटाने की चर्चा
यूपी में मंडल अध्यक्षों, कार्यकर्ताओं, और हारे हुए सांसद प्रत्याशियों से चर्चा करके एक समीक्षा रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस रिपोर्ट के लिए लगभग 40 हजार लोगों से बातचीत की गई है। 25 जून तक यूपी बीजेपी की समीक्षा रिपोर्ट तैयार होगी, जिसके बाद इसे राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में पेश किया जाएगा।
यह माना जा रहा है कि जल्द ही राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक होगी। यूपी में बीजेपी का दावा है कि कई लोकसभा सीटों पर वोटर लिस्ट से उनके समर्थनकर्ताओं के नामों को हटाया गया है, विशेषकर सवर्ण जाति के वोटरों के मामले में। इस बात की जानकारी अयोध्या, श्रवस्ती, बस्ती जैसे क्षेत्रों में भी सामने आई है।
अयोध्या में भी पार्टी की हार की समीक्षा की गई है, और महंत राजू दास के बयान को भी महत्वाकांक्षी देखा गया है। उत्तर प्रदेश में चुनावी परिणाम अपेक्षाओं के खिलाफ आने के कारण, यहां पार्टी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों के समक्ष अपनी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकारी है। इसी संदर्भ में दिल्ली बीजेपी नेता अरविंदर सिंह लवली भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के लिए यूपी आए थे।