देश में कृषि के क्षेत्र में युवाओं द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप्स से किसानों (Farmers) को काफी लाभ मिल रहा है. क्योंकि युवा ऐसे कार्य कर रहे हैं जिससे किसानों की खेती-बारी से संबंधित समस्याओं का समाधान हो रहा है. इनमें किसानों को कृषि की आधुनिकतम तकनीक (Modern Farming Technique) से लेकर बीज और कृषि पद्धति (Agriculture Technique) तक की पूरी जानकारी मिल रही है. ओडिशा में की तीन दोस्तों ने राज्य के किसानों मदद करने के लिए एक ऐसा ही कार्य शुरू किया था, जिससे राज्य के लाखों को किसानों को लाभ हो रहा है. दरअसल तीन दोस्त चंदन कुमार मन्ना, संदीप कुमार और प्रशांत कुमार सेनापति ने मिलर एक यूट्यूब चैनल ई-फार्मिंग (E-Farming) ओडिशा शुरू किया था. जहां पर किसानों की कृषि संबंधित समस्याओं का समाधान किया जाता है.
तीनों दोस्तों ने मिलकर 2018 में किसानों को जागरूक करने के लिए और उन्हें अधिक कृषि उत्पादन हासिल करने और कृषि तकनीक का ज्ञान बढ़ाकर उन्हें सशक्त करने के उद्देश्य से एक यूट्यूब चैनल शुरू किया था. युवाओ द्वारा की गयी इस पहल को किसानों का भरपूर समर्थन मिला औऱ आज इस यूट्यू चैनल के 6.25 लाख सब्सक्राइबर हैं. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक यूट्यूब चैनल शुरू करने वाले तीनों युवक बताते हैं कि एक बार जब वो कृषि के समस्याओं का समाधान करने के लिए यूट्यूब पर ब्राउज कर रहे थे, तब उन्हें तकनीक से संबंधित कई वीडियो मिले पर उन्हें उड़िया भाषा में खेती से संबंधित एक भी चैनल नहीं मिला. इसके कारण उन्होंंने यूट्यूब चैनल शुरू करने का मन बनाया.
किसानों की कमाई बढ़ाने पर जोर
उन्होंने तय किया की उनके यूट्यूब चैनल के माध्यम से कृषि प्रोद्योगिकी से संबंधित जानकारी साझा उड़िया भाषा में दी जाएगी. फिर उन्होंने ई-फार्मिंग के नाम से यूट्यूब चैनल शुरू किया. यूट्यूब चैनल शुरू करने वाले तीन दोस्तों में से एक बेंगलुरू में सॉफ्ट इंजीनियर की नौकरी करने वाले चंदन कुमार मन्ना बताते हैं कि उन्होंने सबसे पहले किसानों की कमाई बढ़ाने पर जोर दिया और किस फसल से या किस प्रकार की खेती से किसानों को अधिक से अधिक आर्थिक लाभ हो सकता है इस बारे में बताना शुरू किया.
चैनल से सीख कर सेब की खेती कर रहे किसान
किसानों को चैनल के माध्यम से ओडिशा में सेब उगाने की विधि बतायी गई साथ ही तीनों ने मिलकर किसानों को 10,000 HRMN-99 किस्म के सेब के पौधे भी वितरित किए हैं, जो राज्य के किसान यहां की गर्म जलवायु में भी उगा सकते हैं. जलेश्वर के स्कूल शिक्षक बताते हैं कि यह एक प्रयोग है जिसे हमने 2020 में हिमाचल प्रदेश में एक हरिमन शर्मा के खेत में जाकर सेब की किस्मों के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए शुरू किया था. इस चैनल में प्रत्येक सप्ताह कम से कम चार वीडियो अपलोड किए जाते हैं. जिनमें कृषि के विभिन्न पहलुओं को बारे में बताया जाता है साथ ही सफल और अनुभवी किसानों के इंटरव्यू भी लिए जाते हैं.
चैनल को देखने वाले अधिकांश दर्शक युवा
मयूरभंज जिले के बांकिसोल में अपने पिता के फार्महाउस में सब्जियां उगाने में अपने पिता की मदद करने वाले प्रशांत कुमार सेनापति ने कहा की उनके चैनल के अधिकांश दर्शक 25-35 आयु वर्ग के युवा हैं जो उनका वीडियो देखते हैं. इसके पीछे कारण यह है कि वो नई तकनीक का अपनाने के लिए और समझने के लिए तैयार हैं. वीडियो में उन किसानों का फोन नंबर भी साझा किया जाता है जिनका इंटरव्यू लिया जाता है. ताकि कोई किसान उनसे पूछताछ करने के लिए आगे बात कर सकें. जहां मन्ना वीडियो अपलोड करता है और चैनल के तकनीकी पहलुओं को देखता है, वहीं उसके दोस्त दास और सेनापति भी अपने क्षेत्रों में किसानों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करते हैं.
10,000 लोग कर रहे मशरूम की खेती
चंदन कुमार मन्ना बताते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान बाहर से ओडिशा लौटे 10000 लोगों को अपने चैनल की माध्यम से मशरूम की खेती सीखने के बाद मशरूम उत्पादन कर रहे हैं. कई लोगों ने पशुपालन को भी अपनाया है. इसके अलावा 2019 में तीनों युवकों ने ई फार्मिंग के नाम से एक मोबाइल ऐप भी शुरू किया है. जहां पर देश भर के किसान अपनी उपज बेच सकते हैं. हर महीने लगभग 50000 किसान मुफ्त में इस ऐप का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा उन्होंने एक और वेबसाइट एग्रोकार्ट भी शुरू की, जहां किसान खेती के उपकरण, बीज, कीटनाशक और अन्य सामान खरीद सकते हैं.