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मिस्र ने चीन निर्मित जे-10सीई लड़ाकू जेट की पहली खेप प्राप्त की, अमेरिकी सैन्य साझेदारी को चुनौती

by Suyash Shukla

काहिरा: मिस्र, जो भारत का एक महत्वपूर्ण दोस्त और मध्य पूर्व का प्रमुख मुस्लिम देश है, ने अपनी वायुसेना के लिए चीन निर्मित जे-10सीई लड़ाकू जेट की पहली खेप प्राप्त की है। यह फाइटर जेट हवा से हवा में मार करने वाली एडवांस मिसाइलों से लैस है, जो लंबे रेंज से लक्ष्यों को भेदने में सक्षम हैं। यह जेट चीन से पाकिस्तान को भी निर्यात किया गया है, जिससे भारत के लिए यह एक रणनीतिक चिंतन का विषय बन गया है।

जे-10सीई के बारे में जानकारी हुरिन नामक सोशल मीडिया हैंडल से मिली है, जिसमें दो जे-10सीई लड़ाकू विमानों की तस्वीर भी साझा की गई है। पिछले साल, हुरिन ने चीन के साथ मिस्र की रक्षा साझेदारी में बढ़ोतरी के संकेत दिए थे, जब चीनी रक्षा प्रदर्शनी में यह जेट प्रदर्शित किया गया था।

मिस्र का यह कदम चीन से लड़ाकू विमान खरीदने की दिशा में अमेरिकी सैन्य साझेदारी को चुनौती देता है। मिस्र, जो कभी अमेरिका का महत्वपूर्ण सहयोगी था, अब सैन्य खरीद में वॉशिंगटन से दूर जा रहा है। यह बदलाव मिस्र की सैन्य रणनीति में एक बड़ा मोड़ है, जो अमेरिकी एफ-16 जेट्स को बदलने के लिए चीनी जे-10सीई का चयन कर रहा है।

चीनी जे-10सीई की प्रमुख विशेषताओं में सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक स्कैन एरे रेडार, आधुनिक एवियोनिक्स, और PL-10 तथा PL-15 मिसाइलें शामिल हैं। यह विमान हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मार करने की क्षमता रखता है। इसकी अनुमानित कीमत 4 से 5 करोड़ डॉलर के बीच है, जबकि अमेरिकी एफ-16 के नवीनतम संस्करण की कीमत लगभग 6.5 से 7 करोड़ डॉलर है। इस कदम से मिस्र और चीन के बीच रक्षा संबंधों को और भी मजबूती मिलने की संभावना है।