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महाकुंभ मेला: आध्यात्मिकता और संस्कृति का संगम, दुनिया भर के श्रद्धालुओं का अनुभव

by Suyash Shukla

महाकुंभ मेला, जो इस समय प्रयागराज में धूमधाम से मनाया जा रहा है, न केवल भारत के श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों के लिए भी एक अद्वितीय और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कर रहा है। यहां आकर लोग न केवल अपनी आस्था की सिद्धि कर रहे हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और धार्मिक अनुष्ठानों से भी जुड़ रहे हैं।

प्रयागराज में सुबह साढ़े नौ बजे तक 60 लाख श्रद्धालु मां गंगा में डुबकी लगा चुके थे। इस अवसर पर विदेशी पर्यटकों का भी उत्साह देखने को मिला। पोलैंड से आई श्रद्धालु क्लाउडिया ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस तरह का अनुभव मिलेगा। यहां का वातावरण और लोग बहुत अच्छे हैं। मैं कल शाही स्नान करने के लिए बहुत उत्सुक हूं।” उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि शुरुआती दिनों में उनके लिए यहां के धार्मिक अनुष्ठान समझना थोड़ा कठिन था, लेकिन अब वह धीरे-धीरे सब कुछ सीख रही हैं और यह अनुभव उनके लिए अद्भुत रहा है।

ऑस्ट्रेलिया से आईं श्रद्धालु मंजरिका ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह पिछले 40 दिनों से भारत में हैं और महाकुंभ मेले में शामिल होने का उनका सपना था, जो अब पूरा हो रहा है। पेशे से योग टीचर मंजरिका ने कहा कि इस अनुभव ने उन्हें मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन प्रदान किया है।

जापान से आए श्रद्धालु मसाजी ने भी अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि यह उनकी दूसरी यात्रा है और वे यहां आकर अत्यधिक प्रसन्न हैं। उन्होंने महाकुंभ के वातावरण को मंत्रमुग्ध करने वाला बताया और इसे शब्दों में बयां करने की बजाय सीधे अनुभव को महसूस करने की बात कही।

महाकुंभ मेला न केवल आध्यात्मिकता का केंद्र है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक विविधता को भी दुनिया भर में प्रदर्शित करने का एक अद्भुत अवसर है।