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भीषण गर्मी में भी हो रहा सर्दी-जुकाम! क्या ऐसे में कोरोना की जांच जरूरी है.. पल्स रेट बढ़ जाए तो क्या करें? Expert से जानें जवाब

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कोरोना (Coronavirus) के मामले एक बार फिर से बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 3000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए, जबकि 40 लोगों की मौत हो गई. पिछले ​कुछ दिनों से लगातार हर दिन 3 से 4 हजार के बीच मामले सामने आ रहे हैं. चौथी लहर की आशंका के बीच सबसे ज्यादा मामले दिल्ली (Covid Cases in Delhi) में सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से लगातार कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा जा रहा है. एक तरफ कोरोना का डर तो दूसरी तरफ भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. गर्मी की वजह से भी लोग ऐसे बीमार पड़ रहे हैं कि कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण दिख रहे हैं. ऐसे में लोगों के मन में कोविड की आशंका भी घर कर रही है.

दरअसल भीषण गर्मी के बीच भी लोगों को सर्दी-जुकाम हो रहा है. लोगों का गला भी खराब हो रहा है. ये जो लक्षण सामने आ रहे हैं, वे कोरोना के लक्षण भी हैं. बीमार लोग गर्मी के कारण पड़ रहे हों लेकिन मन में कोरोना का डर होना भी वाजिब ही है. तो ऐसे में क्या किया जाए?

सर्दी-जुकाम हो तो कोरोना की जांच कराना जरूरी है क्या?

गर्मी के मौसम में लोग जरा सी लापरवाही बरत रहे हैं तो उन्हें भारी पड़ रहा है. जैसे धूप से आकर कोल्डड्रिंक या​ फ्रीज का ठंडा पानी पी लेना, खानपान में लापरवाही करना. इन वजहों से सर्दी-जुकाम और गला खराब होने की समस्या हो रही है. लेकिन क्या ऐसे में कोरोना की जांच भी करवा लेनी चाहिए?

इस सवाल पर आकाशवाणी के एक साक्षात्कार कार्यक्रम में ​मैक्स अस्पताल, दिल्ली के सीनियर डॉक्टर बलबीर सिंह कहते हैं कि सर्दी या बुखार हो तो जांच करवा लेनी चाहिए. जांच बिल्कुल आसान है. सरकार ने यह काफी सस्ता कर दिया है. सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में तो फ्री में जांच हो रही है. वहीं कोरोना का इलाज भी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त है. इसलिए घबराना नहीं है, जांच करवा लेनी चाहिए.

देखें ट्वीट:

अभी दिल्‍ली और पूरे उत्तर भारत में काफी गर्मी पड़ रही है, ऐसे में बहुत से लोगों का गला खराब और सर्दी हो रही है। हम ऐसी स्थिति में कोरोना जांच के बारे में कब सोचें?#IndiaFightsCorona | #LargestVaccineDrive @PIB_India | @MIB_India | @BOC_MIB | @DDNewslive pic.twitter.com/PMb5rY2IMS

— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) April 30, 2022

पल्स रेट काफी बढ़ जाए, 100 के पार पहुंच जाए तो?

कोरोना ने घर-घर में ऑक्सीमीटर की जरूरत महसूस करा दी और बहुत से घरों में यह उपलब्ध भी है. इसके जरिये लोग अपना पल्स रेट मापते रहते हैं. लेकिन कई बार इसको लेकर लोग पैनिक भी हो जाते हैं. जैसे अगर पल्स रेट 100 तक पहुंच जाए या उससे ज्यादा हो जाए तो क्या होगा?

इस पर डॉ बलबीर कहते हैं कि कोविड ने लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर दिया है. कई मरीज ऐसे आते हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं, लेकिन उसे पल्स ऑक्सीमीटर लगा है. एक आम व्यक्ति की पल्स रेट 100 या 120 तक भी जा सकती है. इसमें घबराने की बात नहीं है. इससे ज्यादा हो तभी सोचने की जरूरत है और तब डॉक्टर से दिखा लेना चाहिए.

देश में बढ़ रहे कोविड के मामले, लेकिन…

डॉ बलबीर कहते हैं कि इस बार कोविड की लहर बहुत हल्की रहने वाली है. हमने ऐसी लहर भी देखी है, जब आंकड़ों में हर दिन दोगुना इजाफा होता था, लेकिन इस बार मामले उतने नहीं आ रहे हैं. लोग घर पर ही ठीक हो जा रहे हैं. अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आ रही है. दूसरी लहर में पॉजिटिविटी रेट 20 फीसदी तक होती थी, जबकि इस बार 2 से 3 फीसदी तक ही है.

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