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“भारत ने संसद में बताया: पाकिस्तान को सतलुज और ब्यास नदियों का पानी केवल विशेष परिस्थितियों में मिलता है”

by Suyash Shukla

नई दिल्ली: भारतीय सरकार ने गुरुवार को संसद में बताया कि पाकिस्तान को सतलुज और ब्यास नदियों का पानी बहुत कम ही मिलता है, और यह सिर्फ मानसून के दौरान या विशेष परिस्थितियों में ही होता है। केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी।

भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे का निर्धारण 1960 में हुई सिंधु जल संधि के तहत किया गया था। यह संधि दोनों देशों के बीच जल विवाद को सुलझाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस संधि के अनुसार, भारत को सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का नियंत्रण प्राप्त है, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का पानी मिलता है।

सतलुज और ब्यास नदियों का पानी पाकिस्तान को विशेष परिस्थितियों में ही मिलता है, खासकर मानसून के समय। जब भारी बारिश होती है और जलाशयों का जलस्तर बढ़ जाता है, तब अतिरिक्त पानी पाकिस्तान को दिया जाता है। यह निर्णय संधि के अंतर्गत होता है, जिससे दोनों देशों के बीच जल आपूर्ति का न्यायपूर्ण वितरण सुनिश्चित होता है।

हालांकि, इस जल बंटवारे को लेकर विवाद दशकों से चला आ रहा है, और यह मुद्दा हमेशा से संवेदनशील रहा है। जल शक्ति मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत सतलुज और ब्यास नदियों के पानी की आपूर्ति को बहुत सीमित रखता है, और यह कभी-कभी ही पाकिस्तान को दिया जाता है।