भारतीय विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने पीएम के दौरे के बार में जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज (Olaf Scholz) के साथ द्विपक्षीय बैठक की. ये बैठक भारत और जर्मनी के बीच द्विवार्षिक अंतर-सरकारी परामर्श के छठे दौर से पहले आयोजित की गई थी. प्रधानमंत्री को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और चांसलर स्कोल्ज ने उनका स्वागत किया. इसके बाद दोनों नेताओं ने आमने-सामने मुलाकात की, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई. प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में कई मुद्दों पर बात हुई. प्रधानमंत्री मोदी की जर्मनी चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से ये पहली मुलाकात थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोमवार को जर्मनी की राजधानी पहुंचने पर भारतीय समुदाय के सदस्यों ने उनका भव्य स्वागत किया और बर्लिन के मशहूर ब्रैंडेनबर्ग गेट पर भारत के रंग तथा विविधता का प्रदर्शन हुआ. प्रधानमंत्री मोदी की ये जर्मनी की पांचवी यात्रा है. इससे पहले वो अप्रैल 2018, जुलाई 2017, मई 2017 और अप्रैल 2015 जर्मनी गए थे. प्रधानमंत्री मोदी यूरोप के तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में सोमवार को सुबह जर्मनी पहुंचे थे. अपनी यात्रा के दौरान मोदी डेनमार्क और फ्रांस भी जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी की यूरोप यात्रा यूक्रेन संकट के बीच हो रही है, जिसको लेकर रूस के खिलाफ लगभग पूरा यूरोप एकजुट है.
प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
Prime Minister was accorded a ceremonial guard of honour and received by Chancellor Scholz at the Federal Chancellery. The two leaders thereafter met in a one-on-one format followed by delegation-level talks: Ministry of External Affairs pic.twitter.com/wVmLmUGGTo
— ANI (@ANI) May 2, 2022
तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में जर्मनी पहुंचे पीएम मोदी
यूरोप की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा था कि बर्लिन की उनकी यात्रा चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से बातचीत का अवसर प्रदान करेगी, जिनसे उन्होंने पिछले वर्ष जी-20 में मुलाकात की थी, तब वो वाइस चांसलर और वित्त मंत्री थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इस आईजीसी को जर्मनी की नई सरकार के साथ बातचीत की पहल के तौर पर देखता हूं, जो सरकार के गठन के छह महीने के भीतर हो रही है. इससे मध्यम और दीर्घकालिक प्राथमिकताओं की पहचान करने में मदद मिलेगी.
साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साल 2021 में भारत और जर्मनी ने राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे होने का जश्न मनाया और देशों देश 2000 से सामरिक साझेदार हैं. उन्होंने कहा कि मैं दोनों देशों के बीच रणनीतिक, क्षेत्रीय और वैश्विक विकास से जुड़े मुद्दों पर चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ बातचीत करने को लेकर उत्सुक हूं.
(इनपुट- भाषा के साथ)