अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ‘ड्रिल, बेबी, ड्रिल’ नारा भारत के लिए खुशखबरी लेकर आ सकता है। ट्रंप चाहते हैं कि अमेरिका ज्यादा तेल और गैस का उत्पादन, खपत और निर्यात करके फिर से अमीर बने। यदि अमेरिका में तेल और गैस का उत्पादन बढ़ता है, तो वैश्विक आपूर्ति बढ़ने से कीमतों में कमी हो सकती है, जो भारत के लिए फायदेमंद है।
भारत अपनी जरूरत का 80% से ज्यादा तेल और 50% गैस आयात करता है। ऐसे में अगर इन ऊर्जा संसाधनों की कीमतें घटती हैं, तो भारत का आयात बिल कम होगा और यह बचत विकास कार्यों में इस्तेमाल हो सकती है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने इस मुद्दे पर कहा कि ट्रंप का बयान भारत के लिए बहुत सकारात्मक है।
अमेरिका, जो दुनिया का सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है, रोजाना 1.3 करोड़ बैरल से ज्यादा तेल का उत्पादन करता है। अमेरिका के 32 राज्यों और समुद्री इलाकों में तेल की खपत और उत्पादन हो रहा है, जिससे वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति में बदलाव हो सकता है और कीमतों पर दबाव पड़ सकता है।
भारत अमेरिका से कच्चा तेल आयात करता है, और अमेरिका अब भारत के शीर्ष पांच तेल आपूर्तिकर्ताओं में शामिल हो गया है। हालांकि, लंबी यात्रा और ट्रांसपोर्ट लागत के कारण अमेरिका का तेल हमेशा पहली पसंद नहीं होता, लेकिन अगर तेल की कीमतें कम होती हैं, तो यह विकल्प अधिक आकर्षक हो सकता है।
इसके अलावा, ट्रंप की रूस के साथ बातचीत से यह संकेत मिलता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध जल्द खत्म हो सकता है, जिससे और अधिक तेल आपूर्ति होने की संभावना है, जो भारत को और लाभ पहुंचा सकता है।