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भारतीय फुटबॉल टीम के खराब प्रदर्शन का परिणाम, बजट पर चली कैंची, तीन साल 85% का हुआ नुकसान

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भारतीय फुटबॉल टीम (Indian Football Team) के लिए पिछला कुछ प्रदर्शन के लिहाज से अच्छा नहीं रहा है और इसका असर अब एआईएफएफ पर भी होने वाला है. सरकार ने फुटबॉल एसोसिशन (All India Football Federation)के बजट में कटौती की है. पिछले तीन सालों में दूसरी बार ऐसा हुआ है और अब भारतीय फुटबॉल टीम का बहुत कम रह गया है. फुटबॉल टीम को जो बजट दिया गया है वह घुड़सवारी और याचिंग (Yatching) जैसे खेलों से भी कम है जबकि यह खेल टीम गेम भी नहीं है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक भारतीय फुटबॉल एसोसिशन का बजट पिछले चार में 85 प्रतिशत कम हुआ है. टीम अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही है और यही बजट में कटौती का बड़ा कारण है. फुटबॉल टीम टॉप्स का भी हिस्सा नहीं है ऐसे में कहीं और से मदद नहीं मिलेगी.

तीन साल में 30 करोड़ से 5 करोड़ पहुंचा बजट

फुटबॉल एसोसिशन पिछले काफी समय से आर्थिक संकट का सामना कर रही थी. उन्हें एनुअल कैलेंडर ऑफ ट्रेनिंग और कंपटीशन से बजट दिया जाता था. साल 2019-20 में यह बजट 30 करोड़ रुपए था. इसके बाद 2020 सितंबर में इसमें कटौती की गई और यह केवल 10 करोड़ रह गया. वहीं इस बार हुई कटौती के बाद यह केवल पांच करोड़ रुपए ही बचा है. तीन सालों में टीम का बजट 30 करोड़ से पांच करोड़ हो गया है. ऐसा तब है जब इस साल भारत अंडर 17 महिला फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी करने वाला है.

भारतीय टीम का खऱाब प्रदर्शन बना वजह

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक 29 मार्च को एसीटीसी की बैठक हुई थी. एआईएफएफ के अधिकारियों ने आवंटित बजट से तीन गुना ज्यादा रकम के प्रपोजल दिए. हालांकि स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया से इससे सहम नहीं था. बैठक के कुछ समय बाद स्पोर्ट्स सेकेट्री सुजाता चर्तुवेदी ने कहा, ‘भारतीय फुटबॉल टीम के खराब प्रदर्शन के कारण एआईएएफ को सलाह दी जाती है कि वह सिर्फ ग्रासरूट पर काम करने पर ध्यान दे. साल 2022 में वर्ल्ड कप और 2023 में एशियन कप के क्वालिफाइंग टूर्नामेंट में भारतीय टीम बांग्लादेश और अफानिस्तान जैसी टीमों का भी सामना नहीं कर सकी. उन्हें साउथ एशियन फुटबॉल चैंपियनशिप में श्रीलंका का सामना करने में भी मुश्किल हुई.

फुटबॉल के अलावा बाकी खेलों की बात करें तो एथेलटिक्स को 30 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है. बैडमिंटन, बॉक्सिंग, हॉकी और शूटिंग सभी को 24-24 करोड़ रुपए दिए गए हैं. आर्चरी को 15.85 करोड़ रुपए दिए गए हैं. वेटलिफ्टिंग को 11 करोड़, घुड़सवारी को छह करोड़ और याचिंग को 5.2 करोड़ रुपए दिए गए हैं. इन सभी खेलों का बजट फुटबॉल से ज्यादा है.

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