समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) के भारतीय जनता पार्टी (BJP) में जाने वाले बयान पर शिवपाल सिंह ने पलटवार किया है. इटावा (Etawah) में उन्होंने कहा कि ये गैर जिम्मेदाराना बयान है, नादानीभरा बयान है. शिवपाल ने कहा कि हम तो समाजवादी पार्टी के 111 विधायक में से हैं जो जीते हैं, अगर भाजपा में भेजना है तो मुझ को निकाल देना चाहिए और फिर जब कोई बात होगी तो उचित समय होगा आप सभी को अवगत करा दिया जाएगा. शिवपाल सिंह यादव इटावा में पूर्व समाजवादी राज्यसभा सदस्य रहे स्वर्गीय बाबू दर्शन सिंह की पत्नी की निधन पर शोक संवेदना में पहुंचे थे.
शिवपाल सिंह यादव के पहुंचने से ठीक पहले ही अखिलेश यादव भी यहां शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए गए थे. शिवपाल सिंह यादव ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी, मीडिया से बात करते हुए अखिलेश के बयान पर पलटवार किया. वहीं आजम खान के सवाल पर शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वह सीनियर विधायक हैं एक बार सांसद भी रहे हैं एक बार राज्य सभा के सदस्य भी रहे हैं, नेता जी की अगुवाई में समाजवादी पार्टी के लोग लोकसभा में धरने पर बैठ जाते तो मोदी जी जरूर विचार करते, छोटे छोटे केस में बेल हो जानी चाहिए थी लेकिन फिर भी रिजर्व कर रखा है उसमें भी निर्णय नहीं दे रहे हैं, उनके साथ जुल्म हो रहा है.
सीतापुर जेल में आजम खान से की थी मुलाकात
शिवपाल ने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी का इतिहास रहा है कि जुल्म और ज्यादती पर संघर्ष करते थे और वह संघर्ष अब नहीं दिख रहा है इसलिए मैंने यह बयान दिया था. इससे पहले शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को सीतापुर जेल में आजम खान से मुलाकात की थी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा था कि पार्टी आजम खान के लिए न तो संघर्ष कर रही है और न ही उनकी मदद कर रही है. उन्होंने कहा था कि वह जल्द ही इस मामले को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखेंगे.
यादव ने तब कहा कि इतने बड़े कद के व्यक्ति की उनकी पार्टी (सपा) ने मदद नहीं की है. उन्होंने कहा कि आजम खान का मुद्दा नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के नेतृत्व में लोकसभा में रखा जाना चाहिए था, जिनके प्रधानमंत्री के साथ अच्छे संबंध हैं और प्रधानमंत्री भी उन्हें महत्व देते हैं.