रियल्टी सेक्टर (Realty industry) को आशंका है कि रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा ब्याज दरों में बढ़त का असर मांग पर देखने को मिल सकता है. महंगे कर्ज की वजह से घरों की मांग में कमी की आशंका बन गई है. रिजर्व बैंक ने आज बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिये रेपो रेट में 40 बेस अंक की बढ़त का ऐलान किया. जिसके बाद अब रेपो रेट (Repo Rate) बढ़कर 4.4 प्रतिशत पर पहुंच गई है. रेपो रेट में बढ़त से कर्ज दरें बढ़ने के आसार हैं. रियल्टी सेक्टर के मुताबिक सेक्टर में जिसमें अधिकांश खरीदारी लोन के जरिए होती है, महंगे कर्ज का नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है. इंडस्ट्री के मुताबिक ऐसी स्थिति में जब स्टील और सीमेंट सभी की कीमतें बढ़ रही हैं, कर्ज के महंगे होने से सेक्टर पर दबाव बढ़ जाएगा.
क्या है सेक्टर की राय
रिजर्व बैंक के फैसले पर बोलते हुए क्रेडाई के प्रेजीडेंट हर्ष वर्धन पटौदिया ने कहा कि कम ब्याज दरों से रियल एस्टेट सेक्टर को कोविड के दौरान काफी मदद मिली थी. दरों को बढ़ाया जाना पूरे सेक्टर के लिए अप्रत्याशित कदम है. उन्होने कहा कि हम रियल्टी सेक्टर में ग्रोथ देख रहे हैं हालांकि दरों में बढ़ोतरी से ग्राहकों की खरीद क्षमता पर असर देखने को मिलेगा. वहीं क्रेडाई एमसीएचआई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि रेपो दरों में अचानक किये गए बदलाव से इंडस्ट्री की ग्रोथ पर असर दिखेगा. ये देखते हुए की कच्चे माल की कीमतों में बढ़त जारी है ग्राहक ऊंची दरों पर कर्ज उठाने से बचेंगे. उन्होने कहा कि भले ही दरें काफी समय से निचले स्तरों पर थी. हमने गोथ को सहारा देने के लिये दरों में बदलाव न करने का आग्रह किया था. एनरॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि बढ़त से संकेत हैं कि अब तक के सबसे निचले स्तरों पर पहुंची ब्याज दरों का वक्त खत्म हो गया है, जो कि कोविड के समय में देश भर में घरों की मांग को बढ़ाने में सबसे अहम था. पुरी ने कहा कि इसके साथ ही महंगे कर्ज और महंगे कच्चे माल की वजह से रियल्टी सेक्टर पर बोझ और बढ़ेगा. उन्होने साथ ही कहा कि ब्याज दरों में बढ़त से घर खरीदारों की लागत बढ़ जाएगी और घरों की मांग पर असर देखने को मिलेगा.
रिजर्व बैंक ने बढ़ाई ब्याज दरें
रिजर्व बैंक ने आज रेपो दरों में बढ़ोतरी की है. रेपो दरों में 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है और रेपो दर अब बढ़कर 4.4 प्रतिशत हो गई है. रिजर्व बैंक ने इसके साथ ही कैश रिजर्व रेश्यों में 50 बेस अंक की बढ़त का ऐलान किया है जो 21 मई से लागू होगा. बढ़त के बाद सीआरआर 4.50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा. रेपो दर बढ़ने के साथ बैंक प्रमुख कर्ज दरों का बढ़ना भी तय हो गया है और आने वाले समय में घर, व्हीकल और अन्य कर्ज दरों में बढ़त का नया दौर शुरू हो सकता है. रिजर्व बैंक ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में भी दरों में और बढ़ोतरी की जा सकती है.